
#गिरिडीह #भाकपा_माले | महुआटांड़ में मेहनतकश तबके के हक़ की हुंकार
- गिरिडीह सदर प्रखंड के महुआटांड़ में हुआ भाकपा-माले का प्रथम प्रखंड सम्मेलन
- वयोवृद्ध नेता मदन साह ने झंडोत्तोलन कर की कार्यक्रम की शुरुआत
- पोलित ब्यूरो सदस्य जनार्दन प्रसाद ने कहा – “पार्टी हर संघर्ष में अग्रिम पंक्ति में”
- 21 सदस्यीय प्रखंड कमिटी का गठन, मसूदन कोल्ह बने सचिव
- औद्योगिक प्रदूषण, रोज़गार और ज़मीन के सवालों पर तेज़ होगा आंदोलन
जन संघर्षों की ताकत है भाकपा-माले – सम्मेलन में जनार्दन प्रसाद का संबोधन
गिरिडीह जिले के महुआटांड़ गांव में 11 अप्रैल 2025 को भाकपा-माले का पहला प्रखंड सम्मेलन धूमधाम से संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता कामरेड मदन साह ने झंडा फहराकर की।
सम्मेलन के प्रतिनिधि सत्र का उद्घाटन करते हुए भाकपा-माले पोलित ब्यूरो सदस्य एवं जिला सचिव कामरेड जनार्दन प्रसाद ने कहा:
“भाकपा-माले हमेशा मेहनतकश जनता की लड़ाई में सबसे आगे रही है। गिरिडीह में रोजगार, प्रदूषण और भूमि-संरक्षण के सवालों पर सरकारें सिर्फ वादे करती रहीं, लेकिन हमारी पार्टी आंदोलन के जरिये इन्हें हकीकत बनाएगी।”
उन्होंने सभी पंचायतों में पार्टी की ब्रांच, लोकल और एरिया कमिटी को मजबूत करने का भी आह्वान किया।
मसूदन कोल्ह को सौंपी गई जिम्मेदारी, 21 सदस्यीय नई प्रखंड कमिटी गठित
सत्र के दौरान कामरेड कन्हैया पाण्डेय ने संगठनात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिस पर प्रतिनिधियों ने विचार-विमर्श किया। इसके बाद आखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कामरेड पुरन महतो, महताब अली मिर्जा, शंकर पाण्डेय, राजेश सिन्हा, रामलाल मुर्मू, सलामत अंसारी और हिमांशु शेखर सिंह ने सम्मेलन को संबोधित किया।
भाकपा-माले द्वारा अधिकृत पर्यवेक्षक रामलाल मुर्मू की देखरेख में 21 सदस्यीय प्रखंड कमिटी का गठन किया गया, जिसमें मसूदन कोल्ह को सर्वसम्मति से प्रखंड सचिव चुना गया।
“लाल झंडे की ताकत से कांप रहे हैं अफसर” – राजेश सिन्हा
सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं का समाधान संघर्ष के ज़रिये किया जाएगा। राजेश सिन्हा और कन्हैया पांडेय ने कहा:
“लाल झंडे की ताकत जब बढ़ रही है, तो चंदा खोरों की धड़कनें बढ़ रही हैं। अफसरों में खलबली है। मजदूरों के हक़ को मारने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
संयोजित नेतृत्व और संकल्प का प्रदर्शन
सम्मेलन की अध्यक्षता मदन साह, महताब अली मिर्जा, हिमांशु शेखर सिंह, राजेश सिन्हा और सलामत अंसारी ने संयुक्त रूप से की। संचालन शंकर पांडेय ने किया। पूरे आयोजन में पार्टी की एकजुटता और संगठनात्मक मजबूती साफ़ नजर आई।
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संगठित संघर्ष ही बदलाव की कुंजी है! गिरिडीह में भाकपा-माले के सम्मेलन ने यह साबित कर दिया है कि जनप्रतिनिधित्व का असली चेहरा वही है जो जनता के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ा हो।
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