रांची, सदर अस्पताल: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्च 2025 तक भारत को टीबी (क्षय रोग) मुक्त बनाने के लक्ष्य के तहत आज रांची में इस महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत की गई। इस अवसर पर रांची के सांसद श्री संजय सेठ और विधायक श्री सी.पी. सिंह ने सदर अस्पताल में अभियान का औपचारिक शुभारंभ किया।
टीबी उन्मूलन पर केंद्र सरकार का जोर:
प्रधानमंत्री की इस योजना के तहत भारत सरकार ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। टीबी, जो एक संक्रामक बीमारी है, से हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं। इस दिशा में सरकारी और गैर-सरकारी प्रयासों को मिलाकर व्यापक स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
कार्यक्रम की मुख्य बातें:
- मरीजों को सहायता: टीबी के मरीजों को मुफ्त इलाज, पोषण सहायता, और काउंसलिंग सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
- जन जागरूकता: टीबी के लक्षण, उपचार और रोकथाम पर समुदाय आधारित जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
- साझेदारी: सरकार, स्वास्थ्य संगठनों और स्थानीय समुदायों के बीच तालमेल को बढ़ावा दिया जाएगा।
सांसद संजय सेठ का वक्तव्य:
सांसद ने कहा, “प्रधानमंत्री जी का यह लक्ष्य देश को एक नई दिशा देने वाला है। रांची जैसे शहरों में टीबी के खिलाफ यह अभियान आम जनता की भागीदारी से और अधिक प्रभावी होगा। हमें मिलकर इस बीमारी को खत्म करना है।”
विधायक सी.पी. सिंह का संदेश:
उन्होंने इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों और समाज के सभी वर्गों से सहयोग की अपील की।
सरकार की रणनीति:
- “निक्षय मित्र” पहल: टीबी के मरीजों को पोषण, आर्थिक और भावनात्मक सहयोग।
- मुफ्त जांच और दवा: सरकारी अस्पतालों में टीबी का संपूर्ण उपचार मुफ्त उपलब्ध है।
- तकनीकी नवाचार: टीबी के उन्नत डायग्नोस्टिक और उपचार उपकरणों का उपयोग।
लक्ष्य और महत्व:
भारत को टीबी मुक्त बनाने का यह अभियान देश को स्वस्थ और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रांची से शुरू हुई यह पहल पूरे राज्य और देश में जागरूकता और समर्पण के साथ आगे बढ़ेगी।
यह अभियान केवल सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि हर नागरिक की भागीदारी से ही सफल हो सकता है।