
#गिरिडीह #खेल_विकास : भाटिया एथलेटिक्स अकादमी के मुख्य संरक्षक ने अपने वादे के अनुसार पुष्पा मुर्मू को अकादमी में प्रवेश दिलाया और खेल प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई
- पुष्पा मुर्मू, गांडेय विधानसभा की बच्ची, अकादमी में प्रशिक्षण के लिए शामिल हुई।
- अकादमी की प्रशिक्षक अनुभा खाखा और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आशा किरण बारला घर जाकर पुष्पा को लिया।
- मुख्य संरक्षक प्रशांत अरोरा ने वादे के अनुसार प्रशिक्षण की सुविधा सुनिश्चित की।
- अकादमी झारखंड के बच्चों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने के लिए तैयार करती है।
- बच्चों की डाइट, परफॉर्मेंस और खेल संबंधित छोटी-छोटी जरूरतों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
गिरिडीह। भाटिया एथलेटिक्स अकादमी ने अपने वादे के अनुसार आज गांडेय विधानसभा की बच्ची पुष्पा मुर्मू को अकादमी में शामिल कर अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई। अकादमी की प्रशिक्षक अनुभा खाखा और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आशा किरण बारला पुष्पा के घर जाकर उन्हें अकादमी में लाए। यह कदम खेल के क्षेत्र में प्रतिभाओं को सशक्त बनाने और झारखंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल में प्रतिनिधित्व दिलाने की दिशा में उठाया गया है।
अकादमी की भूमिका और उद्देश्य
भाटिया एथलेटिक्स अकादमी के मुख्य संरक्षक प्रशांत अरोरा ने बताया कि अकादमी का उद्देश्य झारखंड के बच्चों को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक प्रशिक्षित करना है। अकादमी में पहले भी कई खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुके हैं और भविष्य में भी अनेक खिलाड़ियों को तैयार करने की योजना है।
प्रशांत अरोरा ने कहा: “हमारी अकादमी बच्चों की डाइट, प्रशिक्षण और हर छोटी चीजों पर ध्यान देती है जो उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाए। हम झारखंड के बच्चों को हर संभव अवसर देंगे ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत सकें।”
प्रशिक्षण और सुविधा
अकादमी में बच्चों की शारीरिक फिटनेस, तकनीकी प्रशिक्षण और खेल रणनीति पर विशेष ध्यान दिया जाता है। साथ ही बच्चों की डाइट, मानसिक तैयारी और प्रतिस्पर्धा के लिए जरूरी उपकरणों की व्यवस्था की जाती है। इससे बच्चों की परफॉर्मेंस में सुधार होता है और वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार होते हैं।
झारखंड में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन
पुष्पा मुर्मू को अकादमी में शामिल कर यह संदेश दिया गया कि राज्य के हर बच्चे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने की क्षमता हो सकती है। ऐसे कदम खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ झारखंड को खेल मानचित्र पर मजबूती से खड़ा करेंगे।
न्यूज़ देखो: खेल प्रशिक्षण से उज्जवल भविष्य
भाटिया एथलेटिक्स अकादमी का यह कदम बच्चों के सपनों को साकार करने और राज्य में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने का उदाहरण है। प्रशासन और समाज को मिलकर ऐसे प्रयासों को समर्थन देना चाहिए।
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खेल में मेहनत और अवसर का महत्व
खेल सिर्फ जीत का नाम नहीं, बल्कि अनुशासन, मेहनत और अवसर का परिणाम है। हमें बच्चों को ऐसे अवसर देने चाहिए ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झारखंड का नाम रोशन कर सकें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और खेल प्रतिभाओं के समर्थन में अपनी भूमिका निभाएं।