#गुमला #FutballTournament : युवाओं की ऊर्जा से गूंजा भीखमपुर पारिश मैदान — कात्लिक सभा समिति के आयोजन को मिल रही भरपूर सराहना
- भीखमपुर पारिश मैदान में शुरू हुआ भव्य फुटबॉल टूर्नामेंट।
- जारी बनाम घटमाटोली के बीच हुआ उद्घाटन मुकाबला।
- फादर प्रेम इन्दवार ने किया उद्घाटन, खिलाड़ियों को दी प्रेरणा।
- 4 अगस्त को फाइनल मुकाबले के साथ होगा सांस्कृतिक कार्यक्रम।
- 60 टीमों की भागीदारी से टूर्नामेंट बना युवा ऊर्जा का उत्सव।
भीखमपुर में खेल महोत्सव की शुरुआत
गुमला जिला के जारी प्रखंड अंतर्गत भीखमपुर पारिश मैदान में रविवार को कात्लिक सभा समिति के तत्वावधान में फुटबॉल टूर्नामेंट का भव्य आयोजन किया गया। इस टूर्नामेंट की सबसे खास बात यह रही कि इसमें कुल 60 टीमों ने पंजीकरण कराया, जिससे आयोजन क्षेत्रीय खेलों के लिए नई उम्मीद की किरण बनकर उभरा।
उद्घाटन मुकाबला जारी बनाम घटमाटोली के बीच खेला गया, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण दर्शक मैदान में उपस्थित थे। आयोजन समिति ने खिलाड़ियों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की थीं।
खेल भावना से बढ़ेगा युवाओं का आत्मबल
टूर्नामेंट का विधिवत उद्घाटन भीखमपुर पारिश के फादर प्रेम इन्दवार द्वारा फीता काटकर किया गया। इस दौरान भालेन मिंज और कुलदीप मिंज भी उनके साथ उपस्थित थे। तीनों अतिथियों ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया और शुभकामनाएं दीं।
फादर प्रेम इन्दवार ने कहा: “खेल केवल जीत-हार का नाम नहीं है, यह चरित्र निर्माण, अनुशासन और आत्मविश्वास का जरिया है। हमारी युवा पीढ़ी खेलों के माध्यम से समाज में सकारात्मक भूमिका निभा सकती है।”
4 अगस्त को होगा रंगारंग समापन समारोह
टूर्नामेंट समिति के सदस्य अर्जुन निरंजन लकड़ा ने जानकारी दी कि टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला 4 अगस्त 2025 को खेला जाएगा। इसके साथ ही एक सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति से आयोजन को और भव्य रूप दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि समिति ने पारदर्शी एवं निष्पक्ष मैचों के आयोजन के लिए अंपायर और तकनीकी टीम की नियुक्ति की है। साथ ही खिलाड़ियों की सुविधा के लिए पेयजल, प्राथमिक उपचार और रात्रि विश्राम की व्यवस्था भी की गई है।
ग्रामीण प्रतिभाओं को मिला मंच
इस आयोजन से जहां एक ओर स्थानीय युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला है, वहीं दूसरी ओर समाज में खेलों के प्रति जागरूकता और उत्साह भी देखने को मिला है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के आयोजन खेल प्रतिभाओं को उजागर करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

न्यूज़ देखो: खेल के मैदान से निकलेगी अगली पीढ़ी की ऊर्जा
भीखमपुर फुटबॉल टूर्नामेंट केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि ग्रामीण खेल चेतना का पुनरुत्थान है। कात्लिक सभा समिति और स्थानीय युवाओं की भागीदारी से यह आयोजन सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना का केंद्र बन गया है। युवाओं को मंच देना, प्रतिभा को पहचान दिलाना और समाज को जोड़ना, यही इस आयोजन की असली जीत है।
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सामूहिक ऊर्जा ही है असली ताकत
गांव की ज़मीन पर जब युवा दौड़ते हैं, तो समाज आगे बढ़ता है। भीखमपुर के इस टूर्नामेंट ने साबित किया है कि संघर्षशील प्रतिभाएं अगर सही दिशा में कदम बढ़ाएं, तो कोई भी सपना असंभव नहीं।
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