भोगनाडीह से संथाल परगना तक विकास की गूंज: हेमंत सोरेन ने सिद्धो-कान्हू जयंती पर किया जनहित योजनाओं का शुभारंभ

#भोगनाडीह #सिदो_कान्हू_जयंती — मुख्यमंत्री ने ऐलान किया: झारखंड के आदिवासियों, दलितों और पिछड़े समुदायों को सामाजिक-आर्थिक न्याय दिलाना है सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

सिद्धो-कान्हू की भूमि से सामाजिक न्याय की प्रतिज्ञा

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वीर शहीद सिद्धो-कान्हू मुर्मू की जयंती पर भोगनाडीह की पवित्र धरती से एक बार फिर आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता को दोहराया।

उन्होंने कहा कि:

“हमारे वीर पूर्वजों ने जिस त्याग और संघर्ष से अपने अधिकारों की रक्षा की, उसे भुलाया नहीं जा सकता। आज हमारी सरकार उनके सपनों को साकार करने के लिए हर स्तर पर काम कर रही है।”

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कई विकास योजनाओं का लोकार्पण, परिसंपत्तियों का वितरण, तथा शैक्षिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी।

अबुआ सरकार: हर घर तक पहुंची शासन की रोशनी

“अबुआ सरकार आपके द्वार” पहल के जरिए राज्य सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था को जनता के घर तक लाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि:

“अब लोगों को पेंशन, राशन या प्रमाण पत्रों के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। सरकार अब खुद गांव और टोले में पहुंच रही है।”

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और युवा सशक्तिकरण पर विशेष फोकस

शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार बताते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में CBSE आधारित 80 उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना की जा चुकी है।

उन्होंने आगे कहा कि:

“हम हर साल 25 विद्यार्थियों को ‘मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति’ योजना के तहत विदेशों में पढ़ने का अवसर दे रहे हैं। अब यह संख्या बढ़ाकर 50 की जा रही है।”

साथ ही इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ और डिग्री कॉलेजों की स्थापना की भी बात की गई।

आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम

इस ऐतिहासिक दिन पर साहिबगंज, पाकुड़ और गोड्डा जिलों में 507 योजनाओं का अनावरण हुआ, जिनमें से 361 का उद्घाटन और 147 का शिलान्यास किया गया। कुल योजनाओं की लागत 437.86 करोड़ रुपए रही।

इसके अलावा, 130.92 करोड़ की परिसंपत्तियों और नियुक्ति पत्रों का वितरण 3.14 लाख लाभार्थियों के बीच किया गया — यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार नीति और क्रियान्वयन दोनों स्तरों पर प्रतिबद्ध है।

सम्मान और स्वाभिमान की भावना से भरा आयोजन

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित वीर शहीदों के वंशजों को नमन करते हुए कहा:

“हम अपने पूर्वजों को भूल नहीं सकते जिन्होंने हमारे लिए आज़ादी और अधिकारों की लड़ाई लड़ी। अब वक्त है कि हम उन्हें वो सम्मान दें, जिनके वे वास्तव में हकदार हैं।”

इस दौरान मंच पर विजय कुमार हांसदा, मलास हेमलाल मुर्मू, कल्पना सोरेन, धनंजय सोरेन, ताजुद्दीन, सहित कई जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

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