भुगतान में देरी: 57 दिन बाद भी महिला शिक्षिकाओं को नहीं मिला पारिश्रमिक

कांडी: प्रसिद्ध दार्शनिक का कथन है कि “काम करने वाले का पसीना सूखने से पहले उसकी मजदूरी मिल जानी चाहिए।” लेकिन पलामू और गढ़वा जिले के 77 विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र में यह कथन पूरी तरह विपरीत साबित हो रहा है। यहां महिला शिक्षिकाओं से चुनावी ड्यूटी करवाई गई, लेकिन 57 दिन बीतने के बाद भी उन्हें पारिश्रमिक का भुगतान नहीं हुआ है।

चुनावी ड्यूटी में अनियमितता:
महिला शिक्षिकाओं को अचानक 12 नवंबर को दोपहर के समय सूचना दी गई कि उनकी भी चुनावी ड्यूटी लगाई गई है। बिना किसी पूर्व प्रशिक्षण या तैयारी के उन्हें मतदान केंद्रों पर भेजा गया।

इस दौरान शिक्षिकाओं ने रिजर्व गाड़ियों का खर्च खुद वहन किया। कुल 70 शिक्षिकाओं की ड्यूटी 28 मतदान केंद्रों पर लगाई गई, जिनमें से कई को रात भर प्रखंड मुख्यालय में रुकना पड़ा। बावजूद इसके, अब तक उन्हें पारिश्रमिक नहीं मिला है।

स्थानीय स्तर पर पहल:
कांडी प्रखंड के बीडीओ ने 8 में से 6 महिला शिक्षिकाओं को अपनी ओर से प्रति महिला ₹1500 का भुगतान किया, लेकिन मझिआंव और बरडीहा प्रखंड की 26 शिक्षिकाओं और कांडी की 2 शिक्षिकाओं का भुगतान अभी भी लंबित है।

“हमने ड्यूटी पूरी जिम्मेदारी से निभाई, लेकिन पारिश्रमिक न मिलने से हमें आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हम इस समस्या को हल कराने में मीडिया का सहयोग चाहते हैं।” – एक शिक्षिका

प्रशासन की प्रतिक्रिया:
पलामू के जिला निर्वाचन पदाधिकारी प्रभारी उदय रजक ने कहा कि वह सहायक निर्वाचन पदाधिकारी और संबंधित विभाग से डिटेल मंगवाकर भुगतान प्रक्रिया शुरू करेंगे।

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