
#पलामू #घूसकांड : भूमि म्यूटेशन के लिए मांगी 30 हजार की रिश्वत — ACB ने रंगे हाथ पकड़ा, आवास पर सर्च अभियान जारी
- नावाबाजार अंचल अधिकारी शैलेश कुमार को ACB ने घूस लेते गिरफ्तार किया
- पूर्व मुखिया दीपक गुप्ता की शिकायत पर रची गई थी ट्रैप योजना
- 30 हजार रुपये रिश्वत लेते समय रंगे हाथों हुई गिरफ्तारी
- मेदिनीनगर आवास पर एसीबी की सर्च कार्रवाई जारी
- ACB डीएसपी सुदर्शन आस्तिक ने की पूरे मामले की पुष्टि
म्यूटेशन में घूस की मांग पर बिछा जाल, रंगे हाथ गिरफ्तार
पलामू जिला के नावाबाजार अंचल से जुड़ा एक भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। यहां के अंचल अधिकारी शैलेश कुमार को पलामू प्रमंडलीय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई बुधवार को उस समय की गई, जब अधिकारी एक जमीन म्यूटेशन मामले में रिश्वत ले रहे थे।
पूर्व मुखिया की शिकायत बनी कार्रवाई की वजह
आईटीसीओ पंचायत के पूर्व मुखिया अजय गुप्ता उर्फ दीपक गुप्ता ने ACB से शिकायत की थी कि उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर एक जमीन खरीदी थी, लेकिन रजिस्ट्री के 90 दिन बाद भी म्यूटेशन का कार्य नहीं हुआ। उनके आवेदन को बिना किसी वैध कारण के रिजेक्ट कर दिया गया और इसके बाद उनसे 30 हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई।
पूर्व मुखिया के एक दोस्त ने भी साथ में जमीन खरीदी थी, जिससे मामला और स्पष्ट हो गया। इस शिकायत के आधार पर ACB ने जांच शुरू की और फिर पूर्व नियोजित ट्रैप प्लान के तहत बुधवार को गिरफ्तारी की गई।
ACB की टीम ने आवास पर भी मारा छापा
गिरफ्तारी के बाद ACB टीम ने मेदिनीनगर स्थित अंचल अधिकारी शैलेश कुमार के आवास पर सर्च अभियान चलाया। टीम को संदेह है कि और भी घूस से जुड़ी दस्तावेज़ी साक्ष्य वहां मौजूद हो सकते हैं। इस सर्च के दौरान कई अहम दस्तावेज बरामद होने की उम्मीद है।
आरोपी को भेजा जाएगा न्यायिक हिरासत में
ACB ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद शैलेश कुमार की मेडिकल जांच करवाई जाएगी, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। एसीबी के डीएसपी सुदर्शन आस्तिक ने पूरे मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि शिकायत सही पाई गई और कार्रवाई के दौरान घूस लेते हुए पकड़ा गया।
डीएसपी सुदर्शन आस्तिक ने कहा: “अंचल अधिकारी शैलेश कुमार को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। मामले की जांच और आगे की कार्रवाई जारी है।”
न्यूज़ देखो: रिश्वतखोरी के खिलाफ प्रशासन की सख्त निगरानी
एक ओर सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की बात करती है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी जनता को योजनाओं का लाभ देने के बदले घूसखोरी में लिप्त पाए जा रहे हैं। यह घटना साफ दर्शाती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जनसहभागिता और सशक्त संस्थानों की निगरानी बेहद जरूरी है। न्यूज़ देखो जनता की आवाज बनकर ऐसे मामलों को उजागर करता रहेगा।
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अब जनता की जिम्मेदारी भी है जरूरी
यह घटना बताती है कि यदि आम लोग अपने अधिकारों को पहचानें और हिम्मत से आवाज उठाएं, तो भ्रष्टाचार जैसी सामाजिक बुराइयों पर लगाम लगाई जा सकती है। आइए, एकजुट होकर जवाबदेह प्रशासन की नींव रखें।
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