#गढ़वा #अवैधशराबकार्रवाई : SDM संजय कुमार ने मझिआंव रामपुर गांव में औचक छापेमारी कर अवैध महुआ शराब निर्माण के अड्डे को नेस्तनाबूद किया
- सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने मझिआंव थाना अंतर्गत रामपुर गांव में अवैध शराब के निर्माण के बड़े अड्डे को ध्वस्त किया।
- मौके पर दो भट्टियां ध्वस्त की गई और लगभग 20 क्विंटल अर्ध निर्मित शराब मिट्टी और कीचड़ में बहा दी गई।
- छापेमारी में 12 ड्रम और अन्य उपकरण मौके पर नष्ट किए गए।
- अवैध शराब निर्माण के आरोपी ओमप्रकाश, अखिलेश और रामजीवन फरार बताए गए।
- पुलिस और उत्पाद अधीक्षक की मदद से कार्रवाई की गई, साथ ही स्थानीय नागरिकों से सूचना देने का आग्रह किया गया।
- पिछले महीने दुलदुलवा गांव को नशामुक्त बनाने के बाद SDM ने इसे गोद लिया था।
गढ़वा जिले के मझिआंव थाना क्षेत्र में शुक्रवार को एक बड़े पैमाने पर अवैध शराब अड्डे पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने औचक छापेमारी की। इस कार्रवाई में दो भट्टियां ध्वस्त की गईं और लगभग 20 क्विंटल अर्ध निर्मित शराब मिट्टी और कीचड़ में बहा दी गई। मौके पर 12 ड्रम और अन्य उपकरण भी नष्ट किए गए। इस कार्रवाई के दौरान अवैध शराब निर्माण के आरोपी ओमप्रकाश, अखिलेश और रामजीवन फरार हो गए। यह कार्रवाई क्षेत्र में शराब कारोबार और युवाओं में बढ़ती नशाखोरी को रोकने के उद्देश्य से की गई।
SDM संजय कुमार की औचक छापेमारी
संजय कुमार ने बताया कि उन्हें मझिआंव क्षेत्र में अवैध शराब के बड़े स्तर पर कारोबार की लगातार सूचनाएं मिल रही थीं। उन्होंने बताया कि बीते बुधवार को आयोजित “कॉफी विद एसडीएम” कार्यक्रम में कई समाज सेवकों ने अवैध शराब निर्माण को लेकर चिंता जताई थी।
एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “त्योहारों के दौरान नशाखोरी त्यौहार की खुशियों में बाधा डालती है। इसलिए क्षेत्र में अवैध शराब निर्माण के अड्डों को समाप्त करना आवश्यक था।”
उन्होंने अपने निजी सुरक्षा कर्मियों की मदद से रामपुर गांव की पहाड़ी तलहटी में स्थित अवैध महुआ शराब निर्माण के अड्डे का निरीक्षण किया और कार्रवाई सुनिश्चित की।
अवैध शराब निर्माण का विस्तार और मात्रा
छापेमारी के दौरान झाड़ियों के बीच जलती हुई भट्टियों में शराब बनती मिली। मौके पर 10 बड़े ड्रमों में लगभग 20 क्विंटल अर्धनिर्मित शराब और दो खाली ड्रम पाए गए। इस शराब को मौके पर मिट्टी और कीचड़ में बहा दिया गया। सभी खाली ड्रमों को इकट्ठा कर भट्ठियों में जलाया गया।
स्थानीय बुजुर्ग ने बताया: “यह अड्डा लंबे समय से सक्रिय था और यहाँ हर महीने टनों की मात्रा में शराब बनती थी।”
एसडीएम ने बताया कि काफी दूर तक कच्चे रास्तों से आना पड़ा, जिसके कारण शराब कारोबारी पहले ही फरार हो गए। जानकारी के अनुसार इस अड्डे को ओमप्रकाश, अखिलेश और रामजीवन संयुक्त रूप से चला रहे थे। कार्रवाई के दौरान उत्पाद अधीक्षक को आवश्यक कार्रवाई करने हेतु मौके पर बुलाया गया।
थाना प्रभारियों की जिम्मेदारी तय होगी
अनुमंडल पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में इस प्रकार के अवैध शराब के अड्डे खुलेआम पाए जाते हैं, तो संबंधित थाना प्रभारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी और उच्च अधिकारियों को प्रतिवेदित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सदर अनुमंडल क्षेत्र में पहले भी लगभग एक दर्जन छापेमारी की जा चुकी हैं और यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
स्थानीय लोगों से सहयोग का आह्वान
संजय कुमार ने स्थानीय नागरिकों से आग्रह किया कि यदि उनके आसपास अवैध शराब या अन्य नशीली वस्तुओं जैसे गांजा, चरस, हीरोइन के अड्डों की जानकारी हो, तो वे पुलिस, उत्पाद विभाग, नारकोटिक्स या स्वयं एसडीएम को सूचित करें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सूचना देने वालों का नाम और पता गोपनीय रखा जाएगा।
एसडीएम ने कहा: “युवाओं में तेजी से बढ़ती नशाखोरी समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है। समाज को नशामुक्त बनाने के लिए स्वयं समाज को भी सक्रिय होना होगा।”





दुलदुलवा गांव की मिसाल
गौरतलब है कि पिछले महीने SDM संजय कुमार ने नशे के अंदर धंसे हुए दुलदुलवा गांव में शराब पर लगातार चोट करते हुए इसे गढ़वा का नशामुक्त गांव बनाया और गांव को गोद लिया।
न्यूज़ देखो: अवैध शराब के अड्डों पर कड़ा अभियान
यह कार्रवाई साबित करती है कि प्रशासन समाज की सुरक्षा और युवाओं को नशाखोरी से बचाने के लिए गंभीर है। एसडीएम संजय कुमार ने दिखाया कि प्रभावी निगरानी और ठोस कार्रवाई से अवैध कारोबार पर अंकुश लगाया जा सकता है।
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