
#गढ़वा — ट्रस्ट संपत्तियों की सुरक्षा और पारंपरिक रीति-नीति को लेकर सख्त हुआ बोर्ड
- झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड ने पुरानी समिति को तत्काल प्रभाव से किया भंग
- सचिव मनोज तिवारी की शिकायत पर हुई जांच में समिति पर लगे आरोप सही पाए गए
- नई 11-सदस्यीय समिति का गठन, अध्यक्ष बने परेश तिवारी, सचिव पद पर बनाए गए मनोज तिवारी
- आय-व्यय की पारदर्शिता, मंदिर प्रबंधन और धार्मिक आयोजनों की होगी निगरानी
- सम्पत्तियों की सुरक्षा, जनसहभागिता और भजन-कीर्तन जैसे आयोजन होंगे प्राथमिकता में
- समिति को न्यास की नीतियों और परंपराओं को पूर्ण सम्मान से लागू करने की जिम्मेदारी
धार्मिक ट्रस्ट संचालन में पारदर्शिता के लिए उठाया गया कदम
गढ़वा जिला अंतर्गत श्री बाबा खोण्हर नाथ मठ (गिजना, पोस्ट तिलदाग) के धार्मिक ट्रस्ट में प्रशासनिक बदलाव की बड़ी कार्रवाई की गई है। झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड ने बिहार राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास अधिनियम 1950 (अंगीकृत) की धारा 29(2) के तहत पूर्व गठित 11-सदस्यीय समिति को भंग कर दिया है।
इस निर्णय की पृष्ठभूमि में ट्रस्ट के सचिव मनोज कुमार तिवारी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत है, जिसकी जांच बोर्ड के सदस्य संजीव कुमार तिवारी ने की। जांच में शिकायत को उचित और प्रमाणिक पाया गया, जिसके बाद यह बड़ा कदम उठाया गया।
नवनियुक्त समिति की संरचना और सदस्यों की जिम्मेदारियां
धारा 32 के तहत नई 11-सदस्यीय ट्रस्ट समिति का गठन किया गया है, जो अगले आदेश तक कार्यरत रहेगी। इस समिति में प्रशासनिक संतुलन और धार्मिक मूल्यों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित सदस्यों को शामिल किया गया है:
- अध्यक्ष: परेश कुमार तिवारी
- उपाध्यक्ष: सिद्धेश्वर उपाध्याय, दिनेश राम
- सचिव: मनोज तिवारी
- कोषाध्यक्ष: दिलीप कुमार तिवारी
- सदस्य: जवाहीर चौधरी, अरुण दूबे, राजेश कुमार गुप्ता, संजय तिवारी, रामसरिख चन्द्रा, गौतम कुमार चन्द्रवंशी
इन सदस्यों को ट्रस्ट के संपत्ति अभिलेख, बैंक खाता संचालन, पूजा-पाठ की नियमितता, बजट निर्माण, भवनों का रखरखाव, धार्मिक आयोजन और न्यास उद्देश्यों की पूर्ति जैसे महत्वपूर्ण कार्य सौंपे गए हैं।
समर्पित रणनीति से बढ़ेगा धार्मिक भागीदारी और जनसंवाद
नई समिति द्वारा मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन, विशेष पूजन, धार्मिक त्योहारों के आयोजन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि स्थानीय लोगों की आस्था और सहभागिता को और मजबूती मिले। इसके साथ ही जनकल्याण योजनाओं की रूपरेखा बनाकर राज्य बोर्ड से अनुमति प्राप्त कर क्रियान्वयन किया जाएगा।
इसके माध्यम से मंदिर की आयवृद्धि, सामुदायिक सेवा और धार्मिक मूल्यों की रक्षा को सुनिश्चित किया जाएगा।
“हम पूरी निष्ठा से ट्रस्ट की गरिमा, धर्मपरंपराओं और सार्वजनिक विश्वास को बनाए रखने के लिए कार्य करेंगे।”
— परेश कुमार तिवारी, अध्यक्ष
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