
#रांची #साइबरठगीगिरफ्तारी — बिहार के रहने वाले तीन शातिर अपराधी मौके से गिरफ्तार, भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद।
- रांची के नामकुम क्षेत्र में साइबर गिरोह का भंडाफोड़
- तीन आरोपी गिरफ्तार, सभी बिहार के रहने वाले
- फेसबुक और गूगल पर फर्जी लोन विज्ञापन के जरिए लोगों को बनाते थे निशाना
- प्रिंटर, चेकबुक, पासबुक, ग्लोबल कार्ड, आधार कार्ड सहित फर्जीवाड़े के उपकरण बरामद
- प्रोसेसिंग चार्ज और GST के नाम पर ठगी कर रहे थे गिरोह के सदस्य
- ग्रामीण एसपी प्रवीन पुष्कर के निर्देशन में हुई कार्रवाई
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने की ताबड़तोड़ छापेमारी
रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा को सूचना मिली थी कि नामकुम थाना क्षेत्र के महुआटोली में बाहर से आए कुछ लोग साइबर ठगी का नेटवर्क चला रहे हैं। इस इनपुट के बाद ग्रामीण एसपी प्रवीन पुष्कर के आदेश पर डीएसपी अमर कुमार पांडे की अगुवाई में एक विशेष छापामारी दल का गठन हुआ।
टीम ने जब महुआटोली पहुंचकर स्थानीय लोगों से पूछताछ की, तो पता चला कि अमित कुमार के मकान में कुछ संदिग्ध युवक रह रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने मकान की घेराबंदी कर ली।
छत की ओर भाग रहे थे आरोपी, पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस को देखकर तीनों आरोपी मकान से भागकर छत की ओर चढ़ने की कोशिश करने लगे, लेकिन टीम ने उन्हें मौके पर ही खदेड़कर दबोच लिया। गिरफ्तार युवकों में अतुल राज, मिथिलेश कुमार और अमरजीत कुमार शामिल हैं। सभी आरोपी बिहार निवासी हैं।
घर से मिला साइबर ठगी का पूरा सेटअप
पुलिस ने तलाशी के दौरान आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, आधार कार्ड, डेबिट कार्ड, स्टाम्प, ग्लोबल कार्ड, पासबुक, चेकबुक, रजिस्टर, कूपन, प्रिंटर, नकद राशि और स्कूटी बरामद की। इन सामानों से गिरोह की संगठित ठगी गतिविधियों का खुलासा हुआ।
ऐसे करते थे ऑनलाइन ठगी
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे चोरी के मोबाइल, फर्जी सिम और फर्जी बैंक खातों की मदद से ठगी करते थे। ये लोग फेसबुक और गूगल पर लोन का फर्जी विज्ञापन चलाते थे, जिसमें एक गूगल फॉर्म का लिंक दिया जाता था। इस फॉर्म में व्यक्ति से निजी और बैंक संबंधी जानकारी मांगी जाती थी।
फॉर्म भरने के बाद प्राप्त जानकारी को ये एक्सेल शीट में सुरक्षित कर लेते थे और फिर फर्जी सिम नंबर से पीड़ितों को कॉल कर लोन प्रोसेसिंग चार्ज, GST, SGST जैसे शुल्कों के नाम पर ठगते थे।
न्यूज़ देखो: डिजिटल ठगों की असली पहचान जरूरी
साइबर अपराधियों का यह गिरोह सिर्फ एक उदाहरण है कि कैसे तकनीक के जरिए आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे अपराधी न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि डिजिटल विश्वास को भी तोड़ते हैं। ‘न्यूज़ देखो’ की यही कोशिश है कि ऐसे गिरोहों की सच्चाई सामने लाकर नागरिकों को सतर्क किया जाए।
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सतर्क रहें, जागरूक बनें
ऑनलाइन लोन या स्कीम से जुड़ी किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी विश्वसनीयता जरूर जांचें। ठगी का शिकार बनने से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है। इस खबर को शेयर करें, अपने अनुभव बताएं और जागरूकता फैलाएं।