
#Garhwa #KrishiVikas — तकनीकी प्रशिक्षण, कृषि यंत्र वितरण और महिला समूहों को आर्थिक सहायता पर सहमति
- उपायुक्त दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न।
- प्रगतिशील कृषक समूह को 25 हजार रुपए रिवॉल्विंग फंड देने पर सहमति।
- एफपीओ के 25 किसानों का देशभर के कृषि संस्थानों में प्रशिक्षण कराया जाएगा।
- महिला समूहों को बकरीपालन, मुर्गीपालन एवं सुकरपालन के लिए 25-25 हजार की सहायता।
- कृषि यंत्रों के वितरण और तकनीकी प्रबंधकों की बहाली पर निर्णय।
- हर पंचायत में कृषक पाठशाला आयोजित करने की योजना।
बैठक का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीक, योजनाओं और वित्तीय सहायता से जोड़कर कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाना था। सभी प्रस्ताव किसानों के हित में लिए गए ताकि उत्पादन क्षमता बढ़े और महिला समूह आर्थिक रूप से मजबूत बनें।
उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक
गढ़वा समाहरणालय स्थित सभागार में आत्मा शासकीय निकाय की बैठक का आयोजन उपायुक्त-सह-अध्यक्ष आत्मा गढ़वा दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में किया गया। इस बैठक में कृषि विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा हुई और सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए।
किसानों के लिए विशेष प्रशिक्षण योजना
बैठक में तय किया गया कि एफपीओ से जुड़े 25 कृषकों को देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। राज्य के भीतर भी किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों की जानकारी देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र एवं आत्मा द्वारा विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होंगे।
महिला समूहों को आर्थिक सहयोग
बैठक का एक बड़ा फैसला महिला समूहों के पक्ष में रहा। बकरीपालन, मुर्गीपालन और सुकरपालन में काम कर रही महिला समूहों को आत्मा द्वारा प्रति यूनिट 25 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और महिलाओं को स्वावलंबन का अवसर मिलेगा।
किसानों के लिए वित्तीय एवं तकनीकी सहायता
एक प्रगतिशील किसान समूह को रिवॉल्विंग फंड के रूप में 25 हजार रुपये दिए जाएंगे। साथ ही किसानों के अंतरराज्यीय परिभ्रमण की सुविधा भी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे वे उन्नत कृषि पद्धतियों को सीख सकें।
कृषि यंत्र वितरण और नई तकनीक
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत किसानों को कृषि यंत्रों और उर्वरक प्रबंधन (INM) पर 50% अनुदान मिलेगा। विभाग ने साफ किया कि कृषि की पुरानी तकनीक छोड़कर नई तकनीकों को अपनाना समय की जरूरत है। इसी के तहत तकनीकी जागरूकता फैलाने के लिए बीटीएम एवं एटीएम पदों पर बहाली की जाएगी।
पंचायत स्तर पर कृषक पाठशाला
बैठक में तय हुआ कि जिले के प्रत्येक पंचायत में तकनीकी प्रबंधकों द्वारा कृषक पाठशाला का आयोजन किया जाएगा। खरीफ और रबी मौसम के लिए 20 यूनिट पाठशालाओं की स्वीकृति दी गई। इन पाठशालाओं में किसानों को बीज, खाद, यंत्र और आधुनिक खेती तकनीक की जानकारी दी जाएगी।
उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने कहा: “कृषि विकास में किसानों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। हमारी प्राथमिकता है कि जिले के हर किसान तक योजनाओं का लाभ पहुंचे और वे तकनीकी रूप से सक्षम बनें।”

न्यूज़ देखो: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा
गढ़वा में आत्मा बैठक के निर्णय यह साबित करते हैं कि प्रशासन और विभाग कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने के लिए गंभीर है। महिला समूहों को वित्तीय सहयोग, प्रशिक्षण योजनाएं और यंत्रीकरण जैसे कदम किसानों को न सिर्फ सशक्त करेंगे बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति देंगे। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
किसान जागरूक बनें, बदलाव में भागीदार बनें
कृषि से जुड़ी योजनाएं तभी सफल होंगी जब किसान सतर्क और सक्रिय रहेंगे। आपसे अपील है कि इस जानकारी को अपने गांव और किसानों तक पहुंचाएं, इस लेख को शेयर करें और कमेंट में अपनी राय जरूर बताएं।