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बिरनी प्रखंड के मंडरखा गांव में बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही, उपभोक्ताओं पर थोपे जा रहे मनमाने बिल

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#बिरनी #बिजलीलापरवाही : 9 महीने तक मीटर रीडिंग नहीं, उपभोक्ता पर थोप दिया 78 हजार का बिल
  • बिजली विभाग की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश।
  • एक उपभोक्ता को थमा दिया गया 78 हजार रुपये का भारी-भरकम बिल
  • मीटर रीडिंग 9 से 10 महीने तक नहीं की गई।
  • ऊर्जा मित्र ने कहा – “मैनेज कर लेंगे।”
  • ग्रामीण बोले – सरकार की 200 यूनिट फ्री योजना का लाभ नहीं मिल रहा।

बिरनी। प्रखंड के मंडरखा गांव में बिजली विभाग की लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग के कर्मचारी गांव में हर उपभोक्ता का मीटर रीडिंग करने नहीं आते। किसी-किसी उपभोक्ता की रीडिंग कर लौट जाते हैं, जबकि बाकी लोगों का महीनों तक रीडिंग नहीं होता।

उपभोक्ता पर 78 हजार का बिल थोपने से हड़कंप

ग्रामीणों ने बताया कि इसी लापरवाही का नतीजा है कि गांव के एक उपभोक्ता को हाल में 78 हजार रुपये का चौंकाने वाला बिजली बिल थमा दिया गया। उसका मीटर लगभग 9 से 10 महीने तक नहीं देखा गया था। जब उपभोक्ता ने इस बिल पर आपत्ति जताई, तो ऊर्जा मित्र ने उसे “मैनेज करने” की बात कही और भरोसा दिलाया कि इसे देख कर ठीक कर लिया जाएगा।

अन्य ग्रामीणों के साथ भी वही समस्या

सिर्फ एक उपभोक्ता ही नहीं, बल्कि गांव के कई अन्य परिवार भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं। कई घरों का 6 महीने से मीटर रीडिंग नहीं हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि इस लापरवाही का खामियाजा उन्हें भारी-भरकम बिल के रूप में भुगतना पड़ता है।

सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा

ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि झारखंड सरकार 200 यूनिट तक फ्री बिजली देने की योजना चला रही है, लेकिन जब हर महीने सही तरीके से मीटर रीडिंग ही नहीं होगी, तो लोग इस योजना का लाभ कैसे उठा पाएंगे। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार अचानक भारी-भरकम बिल देखकर परेशान हो जाते हैं और उनकी आर्थिक स्थिति डगमगा जाती है।

आंदोलन की चेतावनी

ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों से मांग की है कि मीटर रीडिंग की प्रक्रिया को हर महीने नियमित और पारदर्शी बनाया जाए। उनका कहना है कि अगर विभाग ने जल्द इस पर ध्यान नहीं दिया, तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

न्यूज़ देखो: व्यवस्था की लापरवाही से उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ

बिरनी प्रखंड का यह मामला बताता है कि कैसे एक सरकारी योजना जनता तक सही ढंग से नहीं पहुंच पा रही है। विभागीय लापरवाही से गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ता दोहरी मार झेल रहे हैं—न तो योजना का लाभ मिल रहा, न ही सही बिल। यह स्थिति केवल मंडरखा गांव ही नहीं, बल्कि कई इलाकों में मौजूद खामियों की ओर इशारा करती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब समय है अधिकारों की लड़ाई में आवाज उठाने का

बिजली जैसी बुनियादी सुविधा हर नागरिक का अधिकार है। अगर विभाग लापरवाही बरते, तो आवाज उठाना हमारी जिम्मेदारी बनती है। अब समय है कि हम सब मिलकर पारदर्शी व्यवस्था की मांग करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि सरकार और विभाग तक यह आवाज मजबूती से पहुंचे।

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