
#पलामू #विधायककाबयान — डुमरी विधायक जयराम महतो की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोकारो एसपी संग गोपनीय बातचीत का किया गया खुलासा, खनन और उपराजधानी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा
- विधायक ने बोकारो एसपी से हुई बातचीत को सार्वजनिक किया
- सरकार पर आरोप: पुलिस को मजबूरी में लेना पड़ता है पक्ष
- खनन क्षेत्र में पुलिस की संलिप्तता पर भी उठाए सवाल
- पलामू को उपराजधानी बनाने की मांग दोहराई
- स्थानीय नीति और संपत्ति खरीद नीति पर पूर्वोत्तर राज्यों का दिया उदाहरण
एसपी ने मानी मजबूरी, बोकारो घटना को लेकर हुई बातचीत का खुलासा
डुमरी विधायक जयराम महतो ने शनिवार को पलामू परिसदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोकारो घटना से जुड़ी एक अहम गोपनीय बातचीत का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि गोलीबारी की घटना के बाद वे तत्कालीन बोकारो एसपी से मिले थे और दोनों के बीच विस्तृत बातचीत हुई थी। जयराम महतो ने दावा किया कि एसपी ने उनसे कहा:
विधायक जयराम महतो ने कहा: “एसपी ने कहा था कि हमें सरकार का पक्ष लेना पड़ता है, लेकिन सच्चाई तो ये है कि बड़ा बाबू को खुद वहां जाना चाहिए था, इतना तो डरपोक नहीं होना चाहिए।”
विधायक ने कहा कि चूंकि अब उस एसपी का तबादला हो चुका है, इसलिए वे यह बात सार्वजनिक रूप से रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसपी ने यह भी स्पष्ट किया था कि मीडिया में दी गई उनकी प्रतिक्रियाएं बाध्यता के तहत थीं।
खनन क्षेत्र में पुलिस की संलिप्तता पर गंभीर आरोप
प्रेस वार्ता में विधायक ने बोकारो क्षेत्र में कोयला और बालू के अवैध खनन को लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि:
जयराम महतो ने आरोप लगाया: “पुलिस इंस्पेक्टर बैलगाड़ी की तरह बालू और कोयले की गाड़ी हांकते हैं। मैं बतौर विधायक इसके खिलाफ आवाज उठा रहा हूं लेकिन सरकार इस पर चुप है।”
उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि खनन माफियाओं को संरक्षण मिलने की स्थिति में राज्य का कानून-व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
पलामू को उपराजधानी बनाने की मांग फिर दोहराई
विधायक महतो ने कहा कि झारखंड सरकार ने चुनावी घोषणाओं में पलामू को उपराजधानी बनाने की बात कही थी, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द इस मुद्दे पर गंभीरता से निर्णय लेने की मांग की।
पूर्वोत्तर राज्यों की नीति का दिया उदाहरण
विधायक ने झारखंड में स्थानीयता और नियोजन नीति की कमी को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि वे पूर्वोत्तर राज्यों के दौरे पर थे, जहां बाहरी लोग केवल काम कर सकते हैं, लेकिन संपत्ति नहीं खरीद सकते। उन्होंने इसे एक सकारात्मक पहल बताते हुए झारखंड सरकार से भी ऐसी नीति बनाने की अपील की।
विधायक ने आगे कहा कि:
जयराम महतो ने कहा: “मैंने सदन में कहा था कि सभी 81 विधायक, राज्यसभा और लोकसभा सांसद मिलकर प्रधानमंत्री के पास जाएं और स्थानीयता नीति को लेकर मार्गदर्शन मांगें।”
न्यूज़ देखो: जब सत्ता के भीतर की सच्चाई बाहर आती है
जयराम महतो द्वारा बोकारो एसपी से हुई गोपनीय बातचीत का खुलासा, पुलिस-प्रशासन की बाध्यताओं और राजनीतिक हस्तक्षेप को उजागर करता है। इससे यह साफ होता है कि विधायक अब चुप नहीं रहना चाहते और जनहित के मुद्दों को खुलकर उठाना चाहते हैं। न्यूज़ देखो मानता है कि इस प्रकार के खुलासे केवल बहस नहीं, जवाबदेही और कार्रवाई की मांग पैदा करते हैं।
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लोकतंत्र में सवाल उठाना ही सबसे बड़ी ताकत है
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