मनरेगा योजना में बड़ा घोटाला! बिना शेड बने निकाले गए लाखों रुपये, ग्रामीण बोले– जांच हो निष्पक्ष

#जारी #गोविंदपुर_घोटाला – दो लाभुकों के नाम पर निकाले गए पैसे, लेकिन शेड का नहीं मिला कोई अता-पता

धरातल पर नहीं दिखा कोई निर्माण, सिर्फ कागज पर बन गया गाय शेड

जारी प्रखंड के गोविंदपुर पंचायत में मनरेगा योजना 2021-22 के तहत किए जाने वाले गाय शेड निर्माण में गंभीर अनियमितता का मामला उजागर हुआ है।
ग्रामीणों के अनुसार, योजना के अंतर्गत लाभुक नितेश मिंज और अंथरेल मिंज के नाम पर 109887-109887 रुपये की निकासी की गई है, लेकिन धरातल पर न कोई शेड है और न निर्माण का कोई चिन्ह।

नितेश मिंज के घर पर शेड निर्माण अधूरा पड़ा है, जबकि अंथरेल मिंज के नाम पर शेड का कोई नामोनिशान नहीं है।

“मुखिया के कहने पर शेड की जगह बना दिया गया घर”

जब अंथरेल मिंज से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि:

“हम लोग तो गाय शेड बनवा रहे थे, लेकिन मुखिया ने कहा कि घर बनवा लो, तो वही करवा लिया।”

इस बयान से योजना के मूल उद्देश्य की अनदेखी और नियमों की अनदेखी का अंदेशा और पुख्ता होता है।

मिलीभगत से बंदरबांट, वाउचर पर हस्ताक्षर लेकिन शेड गायब

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक और प्रखंड कर्मियों की मिलीभगत से वाउचर पेमेंट के जरिए पैसे की निकासी की गई।
वाउचर पर मुखिया का हस्ताक्षर भी होता है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका संदिग्ध हो जाती है।

स्थानीय ग्रामीणों ने कहा: “अगर निष्पक्ष जांच हो तो ऐसे दर्जनों मामले सामने आ सकते हैं। यह सिर्फ एक उदाहरण है, पूरे प्रखंड में यही खेल चल रहा है।”

योजना के नाम पर लूट, न शेड, न सूचना

इस मामले में अब तक कोई जांच टीम नहीं बनी है, और प्रशासन भी मौन है।

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अब जरूरी है जवाबदेही

सरकारी योजनाएं गरीबों की मदद के लिए चलाई जाती हैं, लेकिन अगर इन्हीं योजनाओं में घोटाले होंगे तो जनता का विश्वास टूटेगा।
अब समय आ गया है कि प्रशासन पारदर्शी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करे और ग्रामीणों को न्याय दिलाए।

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