बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा आयोजित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) भर्ती परीक्षा में एक और पेपर लीक मामला सामने आया है। पेपर लीक और परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी के कारण 1 और 2 दिसंबर को आयोजित दोनों परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है।
क्या हुआ?
रविवार (1 दिसंबर) को पटना पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने पटना के 12 ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों पर छापेमारी की। इन छापों के दौरान संदिग्ध गतिविधियों के सबूत मिले, जिसमें सॉल्वर गैंग के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
गिरफ्तारी और जब्ती
- 35 लोग हिरासत में: पटना पुलिस ने 35 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें सॉल्वर गैंग के सदस्य होने की संभावना है।
- साक्ष्य बरामद: छापेमारी के दौरान कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कागजात और संदिग्ध सामग्री जब्त की गई।
- सेंटर सील: दो परीक्षा केंद्रों को सील कर दिया गया है।
परीक्षा रद्द का कारण
कुछ परीक्षा केंद्रों को पहले से संदिग्ध माना जा रहा था, फिर भी वहां परीक्षाएं आयोजित की गईं। पुलिस जांच में परीक्षा से संबंधित व्हाट्सएप चैट और ऑडियो भी सामने आए हैं। इन सबूतों के आधार पर परीक्षा रद्द की गई और भविष्य में नई तारीख की घोषणा की जाएगी।
पुलिस और प्रशासन का बयान
पटना एसएसपी के मुताबिक, गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू की गई। आर्थिक अपराध इकाई द्वारा सभी हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी है। राज्य स्वास्थ्य समिति ने स्पष्ट किया है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
नतीजा और प्रभाव
4500 पदों के लिए होने वाली इस परीक्षा की रद्दीकरण ने अभ्यर्थियों को असमंजस में डाल दिया है। साथ ही, बिहार में परीक्षाओं में बढ़ते पेपर लीक और सॉल्वर गैंग की गतिविधियां प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर रही हैं।
यह मामला बिहार में परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर जोर देता है।