
#पटना #शारीरिकशिक्षकआंदोलन – शारीरिक शिक्षकों के संघर्ष ने एक बार फिर बिहार सरकार की ओर से उनकी उपेक्षा को उजागर किया, जब उन्होंने पटना में अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।
- शारीरिक शिक्षकों ने पटना में BJP, JDU और RJD कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया।
- पीटी शिक्षकों का आरोप, सरकार ने अब तक उनकी नौकरी को स्थायी नहीं किया और मानदेय बढ़ाया नहीं।
- राजद ने किया पीटी शिक्षकों का समर्थन, तेजस्वी यादव और मृत्युंजय तिवारी ने किया आश्वासन।
- राजनीतिक दलों के कार्यालयों के बाहर नारेबाजी और धरना प्रदर्शन।
- सरकार से मांग, मानदेय बढ़ाए जाने और नौकरी को स्थायी किया जाए।
- केंद्रीय कार्यक्रमों जैसे ‘खेलो इंडिया’ पर भी सवाल उठाए, शिक्षा के क्षेत्र में कटौती को लेकर विरोध।
शारीरिक शिक्षकों का गुस्सा, सरकार की उपेक्षा पर प्रदर्शन
बुधवार को पटना में बड़ी संख्या में शारीरिक शिक्षक (पीटी टीचर) जुटे, जिन्होंने नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की। इन शिक्षकों ने भा.ज.पा., राजद, और जदयू के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया। उनका मुख्य मुद्दा था उनका कम मानदेय और स्थायी न होने वाली नौकरी।
शारीरिक शिक्षकों का कहना है कि उन्हें महज ₹8000 मानदेय दिया जा रहा है और उनकी नौकरी अब तक संविदा पर ही चल रही है। उन्होंने बिहार सरकार से अपनी स्थायी नौकरी और बढ़े हुए मानदेय की मांग की है।
पुलिस की कार्रवाई और प्रदर्शन का विस्तार
प्रदर्शन के दौरान, पटना पुलिस प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए भा.ज.पा. प्रदेश कार्यालय में धरने पर बैठे शिक्षकों को बाहर निकाला। यह जानकारी जैसे ही प्रशासन को मिली, पुलिस ने पूरे दलबल के साथ कोतवाली थाना प्रभारी के नेतृत्व में प्रदर्शन स्थल पर पहुँच कर आंदोलनकारियों को बाहर किया।
इससे पहले, शारीरिक शिक्षकों ने जदयू कार्यालय का घेराव करने का प्रयास किया। उनका उद्देश्य था कि वे जदयू के मंत्री से मुलाकात कर अपनी समस्याओं को सामने रखें, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी। शिक्षक नेताओं का कहना था कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे पूरे बिहार में आंदोलन करेंगे।
राजद ने किया समर्थन, तेजस्वी यादव ने दिया आश्वासन
राजद कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान, तेजस्वी यादव ने शारीरिक शिक्षकों को समर्थन दिया। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि,
“हम आपकी आवाज सरकार तक पहुँचाएंगे, और आपके विभाग के अधिकारियों से बात कर आपकी समस्याओं को सामने लाएंगे।”
— मृत्युंजय तिवारी
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, और तेजस्वी यादव को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें शारीरिक शिक्षकों की वेतन और स्थायी नौकरी की मांग शामिल होगी।
खेलो इंडिया और शिक्षा में कटौती का मुद्दा
मृत्युंजय तिवारी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए “खेलो इंडिया” कार्यक्रम के बावजूद, बिहार में खेलों की स्थिति बदतर हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों में खेल के समय में कटौती हो रही है और अस्पतालों में भीड़ बढ़ती जा रही है, जिससे बच्चों के लिए शारीरिक शिक्षा का महत्व घट रहा है। उनका मानना है कि शारीरिक शिक्षकों के साथ सरकार का अन्याय जारी है और सरकार को शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है।
न्यूज़ देखो : हर आवाज़ की अहमियत
न्यूज़ देखो पर हम हमेशा आपकी आवाज़ को महत्वपूर्ण मानते हैं। शारीरिक शिक्षकों के आंदोलन की खबर को हम लेकर आए हैं ताकि बिहार सरकार की उपेक्षा का पर्दाफाश किया जा सके। हम आगे भी इस मुद्दे पर आपकी जानकारी को लेकर सक्रिय रहेंगे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो कृपया इसे रेट करें और नीचे कमेंट में अपनी राय दें।