
#गढ़वा #विश्वआदिवासीदिवस : पदाधिकारियों ने माल्यार्पण कर आदिवासी संस्कृति और योगदान को किया स्मरण
- उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
- पुलिस अधीक्षक अमन कुमार सहित कई पदाधिकारी कार्यक्रम में शामिल हुए।
- नीलांबर-पीतांबर की प्रतिमा पर भी पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
- आदिवासी समाज की संस्कृति और गौरव को संरक्षित करने का संकल्प लिया गया।
गढ़वा में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारियों ने भगवान बिरसा मुंडा और नीलांबर-पीतांबर की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उनके महान योगदान को नमन किया। सबसे पहले बिरसा मुंडा हेलीपैड पार्क में स्थित प्रतिमा पर उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी दिनेश कुमार यादव, पुलिस अधीक्षक अमन कुमार, उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्रा, अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार और अन्य पदाधिकारियों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद सभी ने टाउन हॉल, गढ़वा स्थित नीलांबर-पीतांबर की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया और उनके बलिदान को याद किया।

आदिवासी समाज की विरासत का सम्मान
इस अवसर पर उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने जिलेवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विश्व आदिवासी दिवस केवल एक स्मरण दिवस नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की समृद्ध संस्कृति, गौरवशाली परंपराओं और उनके अमूल्य योगदान को सम्मानित करने का अवसर है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे आदिवासी समाज के अधिकार, सम्मान और विकास के लिए मिलकर काम करें।
उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने कहा: “विश्व आदिवासी दिवस के इस पावन अवसर पर सभी जिलेवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ एवं जोहार! आइए, हम सब मिलकर उनके अधिकार, सम्मान और विकास के लिए संकल्पित हों।”
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने का संकल्प
कार्यक्रम में मौजूद सभी पदाधिकारियों और आमजन ने यह वचन लिया कि आदिवासी समाज की संस्कृति, इतिहास और विरासत को सहेजना और संवर्धित करना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी होगी। मौके पर एकजुटता और भाईचारे का माहौल साफ झलक रहा था।

न्यूज़ देखो: गौरवशाली परंपराओं को सलाम
गढ़वा में आयोजित यह कार्यक्रम प्रशासन और समाज के बीच सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन गया। बिरसा मुंडा और नीलांबर-पीतांबर की स्मृति में दिया गया यह सम्मान आने वाली पीढ़ियों को अपने इतिहास से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
विरासत से जुड़ाव, भविष्य के लिए प्रेरणा
विश्व आदिवासी दिवस हमें सिखाता है कि अपने इतिहास, संस्कृति और नायकों के प्रति सम्मान ही आगे बढ़ने की असली ताकत है। ऐसे आयोजन सामाजिक जागरूकता और सांस्कृतिक गर्व को और मजबूत बनाते हैं। इस खबर को शेयर करें और अपने विचार कमेंट में बताएं, ताकि यह संदेश और दूर तक पहुंचे।