
#सिमडेगा #वार्षिक_सभा : नगर भवन बानो में आयोजित बीवरा प्रोड्यूसर कंपनी की आम सभा में किसानों, महिलाओं और युवाओं की भूमिका पर हुई विस्तृत चर्चा
- नगर भवन बानो में बीवरा एफपीसी की वार्षिक आम सभा आयोजित हुई।
- चेयरमैन अनिता देवी और सचिव आयशा खातून ने अनुभव साझा किए।
- अकाउंटेंट दीपक महतो ने गतिविधियों व वित्तीय विवरण प्रस्तुत किया।
- बीपीएम कुंदन भगत ने किसानों की आय बढ़ाने और नए अवसरों पर चर्चा की।
- बीडीओ नईमुदीन अंसारी, थाना प्रभारी मानव मयंक समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
नगर भवन बानो में शनिवार को बीवरा प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (एफपीसी) की वार्षिक आम सभा का सफल आयोजन हुआ। इस मौके पर बड़ी संख्या में शेयरधारक, निदेशक मंडल के सदस्य और अधिकारी उपस्थित रहे। दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई और बीपीओ सुजाता बेक ने स्वागत भाषण देते हुए एफपीसी के कार्य और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
महिलाओं और नेतृत्व की भूमिका
सभा में एफपीसी की चेयरमैन अनिता देवी और सचिव आयशा खातून ने अपना परिचय दिया और अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि समूह की एकजुटता और पारदर्शिता ही संगठन की ताकत है। महिला सदस्यों की सक्रिय भागीदारी को संगठन के विकास की असली कुंजी बताया गया।
गतिविधियों और वित्तीय समीक्षा
एफपीसी अकाउंटेंट दीपक महतो ने पिछली वर्ष की गतिविधियों की विस्तृत समीक्षा की और वित्तीय विवरण प्रस्तुत किया। साथ ही, आगामी वर्ष की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें किसानों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने, बेहतर विपणन व्यवस्था और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को प्राथमिकता देने की बात कही गई।
किसानों की आय और युवाओं पर फोकस
जेएसएलपीएस के बीपीएम कुंदन भगत ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिए एफपीसी की भूमिका अहम है। उन्होंने नए व्यावसायिक अवसरों की खोज और युवाओं को इसमें शामिल करने पर जोर दिया। उनके अनुसार, जब महिलाएं और युवा मिलकर संगठन का हिस्सा बनते हैं तो परिणाम और भी प्रभावी होते हैं।
विशिष्ट अतिथियों का संबोधन
सभा में मुख्य अतिथि के रूप में जीप सदस्य बिरज़ो कंडुलना, बानो प्रखंड विकास पदाधिकारी नईमुदीन अंसारी, पशुपालन पदाधिकारी दुलमु बूढ़ीउली और थाना प्रभारी मानव मयंक उपस्थित थे।
इन अधिकारियों ने अपने संबोधन में कहा कि किसान समूहों की सामूहिक शक्ति ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकती है। उन्होंने एफपीसी के कार्यों की सराहना की और किसानों को एकजुट होकर आगे बढ़ने का आह्वान किया।
सम्मान और संचालन
सभा के दौरान कुछ महिला किसानों (दीदियों) को एफपीसी सर्टिफिकेट भी वितरित किए गए। मंच संचालन आईएफसी एंकर सुषमा देवी और गायत्री देवी ने किया। कार्यक्रम के अंत में सभी सदस्यों ने मिलकर संगठन को और अधिक आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का संकल्प लिया।

न्यूज़ देखो: ग्रामीण विकास में महिला शक्ति की मिसाल
बानो में आयोजित यह वार्षिक आम सभा साबित करती है कि जब महिलाएं, किसान और युवा मिलकर सामूहिक रूप से कार्य करते हैं तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलती है। एफपीसी का यह मॉडल किसानों की आय बढ़ाने और महिला भागीदारी को सशक्त करने का उत्कृष्ट उदाहरण है।
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आत्मनिर्भरता की ओर कदम
बीवरा एफपीसी की यह बैठक न सिर्फ संगठन की मजबूती का प्रतीक है, बल्कि पूरे क्षेत्र में बदलाव की प्रेरणा भी है। किसानों की मेहनत, महिलाओं की भागीदारी और युवाओं की ऊर्जा से ही ग्रामीण विकास संभव है।
आइए हम सब इस सोच को आगे बढ़ाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और गांव-गांव तक जागरूकता फैलाएं ताकि हर किसान, हर महिला और हर युवा आत्मनिर्भर बन सके।