
#बिश्रामपुर #कृषि : खेतों में धान रोपते दिखे भाजपा नेता, किसानों से लिया हालचाल
- भाजपा नेता रामाशीष यादव ने किसानों के साथ धान रोपाई में किया श्रमदान।
- बिश्रामपुर विधानसभा के कई गांवों में पहुंचे और किसानों से मुलाकात की।
- किसानों को बताया संस्कृति और जीवन का आधार।
- कृषि विकास, सिंचाई सुविधा और आमदनी बढ़ाने का दिया आश्वासन।
- कार्यक्रम में किसान संगठन और सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए।
रविवार को बिश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में एक प्रेरक दृश्य देखने को मिला, जब भाजपा नेता रामाशीष यादव खुद किसानों के खेतों में पहुंचे और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर धान रोपाई में हिस्सा लिया। यह कदम न केवल किसानों के साथ जुड़ाव का प्रतीक बना, बल्कि कृषि और श्रम के सम्मान का भी सशक्त संदेश दिया। ग्रामीणों के बीच खेतों में उतरकर काम करने से उन्होंने यह स्पष्ट किया कि राजनीति केवल भाषणों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि वास्तविक मुद्दों पर जमीनी स्तर पर कार्य करना भी उतना ही जरूरी है।
किसानों से आत्मीय बातचीत और समस्याओं की सुनवाई
खेतों में काम करते हुए रामाशीष यादव ने किसान भाइयों और बहनों से हालचाल पूछा और उनकी कठिनाइयों को समझा। किसानों ने पानी की कमी, सिंचाई सुविधाओं के अभाव और बीज-उर्वरक की उपलब्धता में आने वाली दिक्कतों का जिक्र किया। इस पर उन्होंने भरोसा दिलाया कि बिश्रामपुर विधानसभा में कृषि क्षेत्र के लिए हर संभव पहल की जाएगी।
रामाशीष यादव ने कहा: “किसान केवल अन्नदाता ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और जीवन के आधार हैं। उनके पसीने की हर बूंद हमारे घरों में अन्न का रूप लेती है। किसानों की खुशहाली और सम्मान मेरी प्राथमिकता है।”
कृषि विकास और सिंचाई सुविधाओं पर जोर
उन्होंने विशेष रूप से बताया कि आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में सिंचाई नेटवर्क का विस्तार, उन्नत कृषि उपकरणों की उपलब्धता, और फसल बीमा योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि के साथ-साथ किसानों के बच्चों की शिक्षा और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा।
ग्रामीणों का उत्साह और सहभागिता
इस कार्यक्रम में स्थानीय किसान संगठन के सदस्य और आसपास के गांवों से आए सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे। खेतों में नेता को अपने साथ काम करता देखकर ग्रामीणों में उत्साह देखने लायक था। कई किसानों ने कहा कि यह पहली बार है जब कोई जनप्रतिनिधि इस तरह उनके खेतों में आकर उनके काम में हाथ बंटा रहा है।

न्यूज़ देखो: किसानों के सम्मान का जीवंत उदाहरण
रामाशीष यादव का यह कदम बताता है कि राजनीति में संवेदनशीलता और जमीनी जुड़ाव कितना अहम है। खेतों में श्रम कर उन्होंने किसानों के सम्मान को नई ऊंचाई दी है और यह संदेश दिया है कि अन्नदाताओं के साथ खड़े होना केवल चुनावी वादों तक सीमित नहीं होना चाहिए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
बदलाव की राह में एकजुट कदम
अब समय है कि हम सभी किसान हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए जागरूक बनें। कृषि हमारी आत्मा और हमारी संस्कृति है, इसे मजबूत करने के लिए हर स्तर पर योगदान जरूरी है। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि किसान हितों की आवाज और बुलंद हो।