रांची: झारखंड के पलामू जिले में स्थित बालिका गृह में कथित यौन शोषण के मामले को लेकर राज्य की राजनीति गरमा गई है। भाजपा ने इस घटना को लेकर हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला किया है और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
बालिका गृह भी हेमंत राज में सुरक्षित नहीं- भाजपा
भाजपा का बयान
प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने पलामू बालिका गृह कांड को मुजफ्फरपुर कांड से तुलना करते हुए इसे राज्य सरकार की विफलता का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि बालिका गृह में बच्चियों को सुरक्षित माहौल देना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन यह घटना प्रशासन की गंभीर नाकामी को दर्शाती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बालिका गृह में बच्चियों पर अधिकारियों को खुश करने का दबाव बनाया जा रहा था। भाजपा ने मांग की है कि दोषी अधिकारियों और कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई हो। साथ ही, राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष का पद लंबे समय से खाली होने पर सरकार की लापरवाही की ओर भी इशारा किया।
पिछले मामलों का हवाला
भाजपा प्रवक्ता ने याद दिलाया कि तीन साल पहले रांची के एक बाल गृह में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इस बार मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा सुनिश्चित करना जरूरी है।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
भाजपा ने मांग की है कि इस कांड की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में हो और मामले में शामिल सभी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। पार्टी ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है, जिसे वह निभाने में विफल रही है।
यह घटना झारखंड में बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है और सरकार के कामकाज पर विपक्ष का दबाव बढ़ा रही है।