#JPSC_पारदर्शिता #प्रतुलशाहदेव_प्रेसवार्ता – श्रेणीवार कटऑफ नहीं देने पर उठी निष्पक्षता पर अंगुली, सरकार से कार्रवाई की मांग
- भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने जेपीएससी परिणाम को बताया लॉटरी जैसा
- आरक्षण के तहत तय श्रेणियों की जानकारी नहीं देने पर उठाए सवाल
- ढाई गुना नियम की अनदेखी की आशंका जताई गई
- कार्मिक विभाग की गजट अधिसूचना का हवाला देते हुए नियमों की याद दिलाई
- जेपीएससी से श्रेणीवार परिणाम जारी करने की मांग, नहीं तो कार्रवाई की चेतावनी
पारदर्शिता के दावे पर उठे सवाल
रांची स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने जेपीएससी मुख्य परीक्षा 2023 के परिणाम को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा घोषित परिणाम न पारदर्शिता दर्शाता है, न ही संविधान प्रदत्त आरक्षण व्यवस्था का पालन करता प्रतीत होता है।
“जेपीएससी ने परिणाम इस तरह प्रकाशित किया है जैसे किसी लॉटरी के टिकट की घोषणा की गई हो। इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि आरक्षित वर्गों को उनका हक मिला या नहीं।”
– प्रतुल शाहदेव
संवैधानिक प्रावधानों की अनदेखी का आरोप
उन्होंने बताया कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 15 और 16, एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस और अन्य पिछड़े वर्गों को आरक्षण की गारंटी देता है। लेकिन जेपीएससी द्वारा प्रकाशित परिणाम में किसी भी श्रेणी का उल्लेख नहीं है, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठता है।
प्रतुल ने कहा कि यदि श्रेणीवार कटऑफ और चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की जाती, तो इससे उम्मीदवारों को उनकी मेरिट स्थिति स्पष्ट होती।
गजट अधिसूचना का किया उल्लेख
उन्होंने कार्मिक विभाग की 19 दिसंबर 2023 की गजट अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि हर श्रेणी के ढाई गुना से अधिक अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा, और आवश्यकता पड़ने पर कटऑफ कम करने का प्रावधान भी है।
“जब नियम इतना स्पष्ट है, तो फिर आयोग ने उसे लागू क्यों नहीं किया? अगर श्रेणीवार जानकारी नहीं दी गई तो यह मानने का आधार बनता है कि चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है।”
– प्रतुल शाहदेव
जेपीएससी और सरकार को दी चेतावनी
उन्होंने आशंका जताई कि इस बार भी झारखंड से बाहर के उम्मीदवारों को वरीयता मिली होगी और स्थानीय अभ्यर्थी फिर से वंचित रह गए होंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर आयोग जल्द ही श्रेणीवार परिणाम जारी नहीं करता, तो इसका आचरण एक बार फिर संदेह के घेरे में आ जाएगा। सरकार को चाहिए कि इस मामले में तत्काल संज्ञान ले और जेपीएससी से जवाब तलब करे।
प्रेस वार्ता में भाजपा सह मीडिया प्रभारी अशोक बड़ाइक भी मौजूद थे।
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