#लातेहार #शिक्षा : डिजिटल संसाधनों से युक्त लाइब्रेरी की मांग — मिलन शुक्ला ने कहा, युवाओं को चाहिए गुणवत्तापूर्ण अध्ययन का वातावरण
- भाजपा युवा नेता मिलन शुक्ला ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंपा ज्ञापन।
- लातेहार नगर में डिजिटल सुविधाओं से लैस आधुनिक पुस्तकालय की स्थापना की मांग।
- छात्रों को शांत वातावरण और प्रतियोगी तैयारी के लिए संसाधनों की जरूरत।
- ई-लाइब्रेरी, इंटरनेट, कैरियर गाइडेंस वर्कशॉप जैसी सुविधाओं की सूची सौंपा प्रस्ताव में।
- भटकते युवाओं को स्थायी शैक्षणिक आधार दिलाने की दिशा में अहम पहल।
अध्ययन के माहौल को लेकर मिलन शुक्ला की चिंता
लातेहार नगर में अध्ययनरत हजारों छात्र-छात्राओं के लिए एक व्यवस्थित, तकनीकी और डिजिटल संसाधनों से युक्त पुस्तकालय की आवश्यकता को लेकर भाजपा युवा नेता मिलन शुक्ला ने शुक्रवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने कहा कि लातेहार के युवाओं को आज एक ऐसे अध्ययन केंद्र की आवश्यकता है जहाँ उन्हें न केवल किताबें, बल्कि करियर निर्माण के लिए आवश्यक संसाधन और मार्गदर्शन भी उपलब्ध हो।
मिलन शुक्ला ने कहा: “आज का युवा भटकाव में है क्योंकि उसे उचित मार्गदर्शन और संसाधन नहीं मिल रहे। एक समृद्ध पुस्तकालय लातेहार के भविष्य को मजबूत करेगा।”
केवल किताबों का केंद्र नहीं, करियर निर्माण का हब
ज्ञापन में इस बात को प्रमुखता से दर्शाया गया कि प्रस्तावित पुस्तकालय सिर्फ किताबों की अलमारी नहीं, बल्कि ज्ञान, शोध और करियर निर्माण का केंद्र होगा। इसमें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उपयोगी पुस्तकें, ई-लाइब्रेरी, इंटरनेट सुविधाएं, बैठने की उचित व्यवस्था और शांत वातावरण जैसे सभी जरूरी संसाधन मुहैया कराए जाने की बात कही गई है।
यह पुस्तकालय छात्रों के लिए क्यों जरूरी?
मिलन शुक्ला ने यह भी रेखांकित किया कि वर्तमान में लातेहार के युवा उचित अध्ययन स्थल के अभाव में सार्वजनिक स्थलों या घर के अव्यवस्थित माहौल में पढ़ाई करने को विवश हैं, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य और पढ़ाई पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है। सरकारी और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र विशेष रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
शुक्ला ने बताया: “यह पुस्तकालय आने वाली पीढ़ियों के लिए मील का पत्थर बनेगा। हमारी मांग केवल एक भवन की नहीं, बल्कि भविष्य को दिशा देने वाली सोच की है।”
शिक्षा विभाग से शीघ्र कार्रवाई की अपेक्षा
मिलन शुक्ला ने ज्ञापन में मांग की है कि शिक्षा विभाग इस प्रस्ताव को शीघ्र संज्ञान में ले और बजट, स्थान और योजना के स्तर पर प्राथमिकता के आधार पर आगे की कार्रवाई करे। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस पुस्तकालय को लोक सहभागिता आधारित मॉडल पर भी विकसित किया जा सकता है, जिसमें स्थानीय समाजसेवी, शिक्षक और प्रशासन की भूमिका भी स्पष्ट हो।
न्यूज़ देखो: शिक्षा को दिशा देने वाली सोच
मिलन शुक्ला की यह पहल लातेहार जैसे उभरते जिले के लिए समय की मांग है, जहाँ शिक्षा को केवल परीक्षा की तैयारी से आगे सोचने की आवश्यकता है। डिजिटल युग में आधुनिक लाइब्रेरी की मांग एक ज़रूरत नहीं, बल्कि अधिकार है। यदि प्रशासन इस पहल पर अमल करता है, तो यह पूरे जिले में एक सकारात्मक शैक्षणिक क्रांति की शुरुआत हो सकती है।
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शिक्षा के उजाले से निखरेगा लातेहार का भविष्य
शिक्षा ही विकास की नींव है, और एक समृद्ध पुस्तकालय उस नींव को मजबूत करने वाला स्तंभ। अगर यह प्रस्ताव हकीकत में बदलता है, तो लातेहार न केवल झारखंड में, बल्कि पूरे देश में एक मॉडल बन सकता है। आइए, इस पहल को साझा करें, इस पर चर्चा करें, और शिक्षा की अलख को जलाए रखने में सहभागी बनें।
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