#पांडू #भ्रष्टाचार_विरोध : पलामू के पांडू में भाजपा नेता अवधेश सिंह के नेतृत्व में हेमंत सरकार के खिलाफ निकाला गया जन आक्रोश मार्च — कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर सौंपा गया ज्ञापन
- भाजपा नेता डॉ ईश्वर सागर चंद्रवंशी और रूपा सिंह रहे मौजूद
- राज्य सरकार पर कानून व्यवस्था ध्वस्त करने का लगाया आरोप
- लचर बिजली-पानी और अवैध खनन को लेकर जताया रोष
- बीडीओ की अनुपस्थिति में प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
- सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मार्च में लिया हिस्सा, नारेबाज़ी कर जताया विरोध
जन आक्रोश मार्च के माध्यम से सरकार पर गहरा प्रहार
पांडू (पलामू) में मंगलवार को भाजपा नेता अवधेश सिंह के नेतृत्व में आयोजित जन आक्रोश मार्च में प्रदेश कार्य समिति सदस्य डॉ ईश्वर सागर चंद्रवंशी उर्फ मुन्ना चंद्रवंशी और भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष रूपा सिंह भी शामिल रहीं। जनसभा में दोनों नेताओं ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला।
डॉ ईश्वर सागर चंद्रवंशी ने कहा: “राज्य में विधि व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है। लूट, हत्या, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी की मार से जनता त्रस्त है। कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है।”
जनहित के मुद्दों को लेकर सौंपा गया ज्ञापन
सभा के उपरांत भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक ज्ञापन प्रखंड विकास पदाधिकारी के नाम सौंपा, जिसमें भ्रष्टाचार, अवैध बालू-कोयला-पत्थर की लूट, बिजली-पानी की दुर्दशा, बेरोजगारी और जनकल्याणकारी योजनाओं की विफलता जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया। चूंकि बीडीओ उपस्थित नहीं थे, इसलिए ज्ञापन प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रितेश दुबे को सौंपा गया।
बड़ी संख्या में जुटे भाजपा कार्यकर्ता
मार्च और सभा में सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता शामिल हुए। इनमें बीपी शुक्ला, शंभुशरण सिंह, सतीश पासवान, लव विश्वकर्मा, अयोध्या ठाकुर, कन्हाई राम, मनमोहन पांडेय, महेंद्र प्रसाद साहू, श्याम किशोर सिंह, बैजनाथ सिंह, बिनोद प्रजापति, राजू शर्मा और महेंद्र विश्वकर्मा जैसे वरिष्ठ कार्यकर्ता भी शामिल थे। सभी ने राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और बदलाव की चेतावनी दी।
न्यूज़ देखो: जनहित के मुद्दों को आवाज़ देती ज़मीन से जुड़ी पत्रकारिता
पांडू में हुआ यह जन आक्रोश मार्च राज्य में फैले भ्रष्टाचार और कुशासन के खिलाफ जनता की नाराज़गी का प्रतीक है। भाजपा नेताओं की यह मांग केवल राजनीतिक विरोध नहीं बल्कि आम लोगों की पीड़ा की आवाज़ बनकर उभरी है। न्यूज़ देखो हर उस घटना को सामने लाता है जहां जनता अपने अधिकारों के लिए खड़ी होती है।
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एक सशक्त लोकतंत्र की पहचान है जब जनता अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाए। यह जन आक्रोश उसी लोकतांत्रिक चेतना का उदाहरण है। आइए, हम सब भी अपनी समस्याओं को नजरअंदाज न कर, जनहित के मुद्दों पर जागरूकता फैलाएं। इस खबर को अपने दोस्तों-परिजनों के साथ साझा करें और अपने विचार भी कमेंट करें।