#गढ़वा #भाजपाvsझामुमो— क्षेत्रीय भाषा विवाद पर रितेश चौबे का बयान, कहा– झामुमो युवाओं को रोजगार से वंचित करने की कर रहा साजिश
- भाजपा मीडिया प्रभारी रितेश चौबे ने झामुमो पर साधा निशाना
- कहा– मांग पत्र के नाटक से जनता को भ्रमित कर रही हेमंत सरकार
- पलामू-गढ़वा के युवाओं को रोजगार से दूर करने की साजिश
- स्थानीय भाषा की अनदेखी से जनता में आक्रोश
- भाजपा ने चेताया– सड़क से सदन तक होगा आंदोलन
झामुमो का भाषा विवाद पर पुराना राग: भाजपा का आरोप
गढ़वा में भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी रितेश चौबे ने एक प्रेस बयान में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर कड़ा प्रहार करते हुए क्षेत्रीय भाषा विवाद को लेकर झामुमो की नीयत पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की नीतियाँ युवाओं को भ्रमित करने वाली हैं, जो बार-बार मांग पत्र का नाटक कर जनता को गुमराह कर रही है।
रितेश चौबे ने कहा, “झामुमो सरकार रहते हुए अपने ही शासन में झूठा मांग पत्र जारी कर रही है, ताकि भाषा विवाद का मुद्दा उठाकर राजनीतिक रोटियाँ सेंकी जा सकें।“
युवाओं के रोजगार पर संकट: नागपुरी थोपने का आरोप
चौबे ने पलामू और गढ़वा के युवाओं की ओर से झामुमो पर नागपुरी भाषा थोपने का आरोप लगाया, जो इन क्षेत्रों के लोगों की स्थानीय भाषा से मेल नहीं खाती। उन्होंने कहा कि जिस भाषा को स्थानिक युवा जानते तक नहीं, उसे प्रतियोगी परीक्षाओं और नौकरियों में जबरन थोपना पूरी तरह अनुचित है।
उन्होंने स्पष्ट कहा, “हेमंत सरकार ने अब तक पलामुवा भाषा को प्राथमिकता नहीं दी। इससे साफ है कि युवाओं के भविष्य के साथ राजनीतिक खिलवाड़ किया जा रहा है।”
बार-बार दोहराया गया षड्यंत्र: जनता कर चुकी है पहचान
रितेश चौबे ने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब झामुमो ने भाषा विवाद खड़ा किया हो। पूर्व कार्यकाल में भी इसी तरह की साजिश रची गई थी, लेकिन तब भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद सरकार को फैसला बदलना पड़ा। अब फिर से गढ़वा और पलामू के छात्रों और युवाओं के खिलाफ साजिश रची जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि झामुमो बार-बार दिखावे के लिए अपनी ही सरकार को मांग पत्र भेज कर राजनीतिक ड्रामा कर रही है, लेकिन अब जनता उनकी सच्चाई जान चुकी है।
भाजपा का ऐलान– सड़क से सदन तक होगा विरोध
चौबे ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही गढ़वा-पलामू के लोगों की भाषा को स्थानीय भाषा में शामिल नहीं किया, तो भाजपा कार्यकर्ता सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे।
इस मौके पर भाजपा नेता नवीन जायसवाल, संजय जायसवाल समेत अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
न्यूज़ देखो: युवा आवाज़ को दबाने नहीं देंगे
गढ़वा और पलामू जैसे इलाकों में क्षेत्रीय भाषा को लेकर उठा सवाल अब सिर्फ भाषाई विवाद नहीं, बल्कि रोजगार, पहचान और सम्मान का सवाल बन चुका है। न्यूज़ देखो मानता है कि हर नागरिक को उसकी मातृभाषा में अवसर मिलना चाहिए। इस विषय पर हो रही राजनीति को जनता बखूबी समझ रही है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
स्थानीय भाषा, स्थानीय अधिकार — युवा आवाज़ के साथ खड़ा है गढ़वा
यह मुद्दा सिर्फ एक परीक्षा या नियुक्ति प्रक्रिया का नहीं, बल्कि गढ़वा और पलामू की पहचान और भविष्य का सवाल है। समय आ गया है कि राजनीति से ऊपर उठकर युवाओं के साथ न्याय हो। अगर आप भी इस आवाज़ का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो इस खबर को शेयर करें, चर्चा करें और बदलाव की लहर में शामिल हों।