
#गुमला #खेल : ग्रामीण बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए खेलो झारखंड की शुरुआत
- संत मारिया उच्च विद्यालय बारडीह खेल मैदान में हुआ उद्घाटन।
- मुख्य अतिथि मुखिया चाजरेण मिंज ने सरकार की योजना को सराहा।
- फादर अलेक्जेंडर तिर्की ने खेलों को शारीरिक व मानसिक विकास का जरिया बताया।
- सरफराज अंसारी ने बच्चों में आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धा की भावना पर दिया जोर।
- बड़ी संख्या में बच्चों और ग्रामीणों की भागीदारी रही।
गुमला। जारी प्रखंड अंतर्गत संत मारिया उच्च विद्यालय बारडीह खेल मैदान में आज प्रखंड स्तरीय खेलो झारखंड का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि मेराल पंचायत की मुखिया चाजरेण मिंज, बीपीएम सरफराज अंसारी और एच.एम. फादर अलेक्जेंडर तिर्की मौजूद रहे।
खेलों से मिलेगा बच्चों को बड़ा मंच
मुख्य अतिथि चाजरेण मिंज ने अपने संबोधन में कहा कि खेलो झारखंड सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके जरिए ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर प्रखंड से लेकर जिला और राज्य स्तर तक पहुँच सकते हैं। यह पहल ग्रामीण बच्चों के भविष्य को नई दिशा देने वाली है।
शिक्षा के साथ खेलों का संतुलन
विशिष्ट अतिथि फादर अलेक्जेंडर तिर्की ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बेहद जरूरी है। खेल न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं बल्कि मानसिक मजबूती और आत्मविश्वास भी प्रदान करते हैं।
आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धा की भावना
बीपीएम सरफराज अंसारी ने कहा कि खेलो झारखंड जैसी योजना बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। खेलों के माध्यम से उनमें आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धा की भावना का विकास होता है, जो उनके उज्जवल भविष्य के लिए आवश्यक है।
सामूहिक भागीदारी बनी खासियत
इस मौके पर बीआरपी निर्भय कुमार, सीआरपी दिनेश नंद, अंजली कुजूर, विक्टोरिया एक्का, अजय मिंज, राजीव रंजन मिंज, अशोक खलखो, एरिक मिंज, माताशरण कुजूर, मो. रहीम, रोशन कुजूर, अश्विन मिंज, सुबाला कुजूर, अरुण कुमार बाड़ा, प्रभुदास तिग्गा, जोसेफा तिर्की, जयंत कुमार समेत बड़ी संख्या में बच्चे, बच्चियां और ग्रामीण मौजूद रहे। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष और उत्साहपूर्ण बना दिया।

न्यूज़ देखो: खेलों से बदलता ग्रामीण परिदृश्य
खेल न केवल मनोरंजन का साधन हैं बल्कि वे जीवन की दिशा बदलने का माध्यम भी हैं। खेलो झारखंड जैसी योजनाएँ ग्रामीण बच्चों को अवसर देकर उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचने का सपना दिखाती हैं। यह पहल आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ, अनुशासित और आत्मनिर्भर बनाने की ओर एक बड़ा कदम है।
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खेलों से ही निखरेगा उज्ज्वल भविष्य
अब वक्त है कि हम खेलों को केवल शौक नहीं बल्कि बच्चों के करियर और विकास का अहम हिस्सा मानें। खेल उन्हें अनुशासन, टीम भावना और मेहनत का महत्व सिखाते हैं। आइए, हम सब मिलकर ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में सहयोग करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि अधिक से अधिक लोग प्रेरित हों।