
#मेदिनीनगर #रक्तदान : थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे की मदद के लिए आगे आए युवा व्यवसायी गुंजन अग्रवाल
- वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से एक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को रक्त की आवश्यकता थी।
- गुंजन अग्रवाल (वस्त्रलोक) ने सूचना मिलते ही तुरंत रक्तदान की इच्छा जताई।
- आज उन्होंने एक यूनिट रक्तदान कर बच्चे का जीवन सुरक्षित किया।
- वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट ने उनके इस कदम के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।
- संस्था ने लोगों से अपील की कि रक्तदान को सामाजिक कर्तव्य के रूप में अपनाएं।
मेदिनीनगर (पलामू): आज के दौर में जब लोग किसी जरूरतमंद को एक गिलास पानी देने से पहले सोचते हैं, वहीं कुछ ऐसे संवेदनशील लोग हैं जो रक्तदान कर अनजान लोगों को नया जीवन देने का साहस और करुणा दिखाते हैं। ऐसा ही प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है मेदिनीनगर के युवा व्यवसायी गुंजन अग्रवाल (वस्त्रलोक) ने।
रक्तदान से बची मासूम की जान
जानकारी के अनुसार, एक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे की मां ने वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट से रक्त की सहायता के लिए संपर्क किया था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संस्था ने तुरंत अपने नेटवर्क के माध्यम से रक्तदाता की खोज शुरू की। इसी बीच गुंजन अग्रवाल को जब इस जरूरत की खबर मिली, उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के रक्तदान करने का निर्णय लिया।
आज उन्होंने अस्पताल जाकर एक यूनिट रक्तदान किया, जिससे बच्चे का जीवन सुरक्षित हुआ। इस कार्य से न सिर्फ बच्चे को नया जीवन मिला बल्कि समाज में एक मानवीय संदेश भी गया कि “रक्तदान ही महादान” है।
वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट का आभार
वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट ने गुंजन अग्रवाल के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह निस्वार्थ कार्य समाज के लिए प्रेरणा है। संस्था ने कहा कि रक्त की एक बूंद किसी का जीवन बचा सकती है और समाज में ऐसे उदाहरणों की आवश्यकता है।
वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट की टीम ने कहा: “गुंजन अग्रवाल जैसे संवेदनशील लोग समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। रक्तदान करके उन्होंने मानवता की सच्ची सेवा की है।”
रक्तदान: जीवन बचाने की सबसे बड़ी सेवा
गुंजन अग्रवाल ने भी लोगों से अपील की कि हर स्वस्थ व्यक्ति को नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि रक्तदान से न केवल दूसरों को जीवन मिलता है बल्कि स्वयं दाता के शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है। यह न केवल मानवीय कर्तव्य है बल्कि आत्मिक सुख की प्राप्ति का भी माध्यम है।
न्यूज़ देखो: संवेदना से भरा समाज ही सशक्त समाज
गुंजन अग्रवाल और वरदान चैरिटेबल ट्रस्ट ने यह दिखाया है कि सच्ची सेवा वही है जो बिना स्वार्थ, बिना भेदभाव के की जाए। ऐसे प्रयास न केवल किसी एक जीवन को बचाते हैं, बल्कि पूरे समाज में मानवता और करुणा की लौ जलाते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
रक्तदान है जीवनदान — बनें किसी के मुस्कान का कारण
जब कोई व्यक्ति रक्तदान करता है, तो वह किसी अनजान परिवार को उम्मीद देता है। यही सच्ची सेवा भावना है। समाज तभी मजबूत बनता है जब हम दूसरों के दुख को अपना समझकर मदद का हाथ बढ़ाते हैं।
आइए, हम सब यह संकल्प लें कि हर वर्ष कम से कम एक बार रक्तदान अवश्य करेंगे। अपनी राय कमेंट करें, इस प्रेरक खबर को शेयर करें और रक्तदान के संदेश को जन-जन तक पहुंचाएं।




