रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बांग्लादेशी घुसपैठ और तस्करी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने मंगलवार को रांची और पाकुड़ के कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी का मुख्य केंद्र रांची के बरियातू क्षेत्र का होटल स्काईलाइन और अन्य स्थानों पर रहा, जहां मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध गतिविधियों में संलिप्तता की जांच चल रही है। पश्चिम बंगाल के 24 परगना और कोलकाता में भी कार्रवाई जारी है। ईडी द्वारा यह कार्रवाई बांग्लादेशी महिलाओं की संदिग्ध तस्करी और काले धन के आरोपों की जांच के सिलसिले में की जा रही है।
मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज
इस मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत केस दर्ज किया है। रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड पुलिस द्वारा जून में दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है। इस शिकायत में एक बांग्लादेशी युवती ने बताया कि उसे भारत में नौकरी का लालच देकर लाया गया, लेकिन फिर वेश्यावृत्ति में धकेल दिया गया। इसके अलावा, एजेंटों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारतीय नागरिकता दिलाने की भी कोशिश की गई थी।
चुनाव से पहले ईडी की सख्त कार्रवाई
राज्य में चुनावी माहौल गरम है, ऐसे में ईडी द्वारा अवैध घुसपैठ और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ की गई यह छापेमारी चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। राजधानी रांची के होटल स्काईलाइन में छापेमारी के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, और सीआरपीएफ जवानों को तैनात किया गया है।
घुसपैठ का मामला, पश्चिम बंगाल से रांची तक फैला जाल
बांग्लादेश से भारत में अवैध रूप से लाई गई महिलाओं को कोलकाता के रास्ते से रांची लाया गया था, जहां से उन्हें काम का लालच देकर तस्करी की जा रही थी। पकड़ी गई युवतियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उन्हें कोलकाता से लाकर झारखंड में अवैध कार्यों में लगाया जा रहा था। ईडी द्वारा इस छापेमारी को भारत-बांग्लादेश सीमा पार घुसपैठ से जुड़े आपराधिक तत्वों को बेनकाब करने के लिए उठाया गया कदम माना जा रहा है।
अभी जांच जारी
ईडी द्वारा की गई छापेमारी में कई संदिग्ध दस्तावेजों और सबूतों की बरामदगी हुई है, हालांकि, अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।