गिरिडीह में रिश्वतखोरी का भंडाफोड़: भूमि सुधार कार्यालय के लिपिक मनीष भारती 10 हजार की घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार

#गिरिडीह #ACBछापा — म्यूटेशन अपील को लेकर मांगी थी रिश्वत, धनबाद एसीबी टीम ने दंडाधिकारी की मौजूदगी में की कार्रवाई

म्यूटेशन वाद की फाइल अटकाकर मांगी रिश्वत, ACB की सटीक योजना

गिरिडीह जिले के खोरीमहुआ भूमि सुधार उपसमाहर्ता कार्यालय में कार्यरत लिपिक मनीष भारती को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। धनबाद ACB टीम ने शुक्रवार को यह कार्रवाई की। मामला परिवादी की पत्नी झुना खातून के नाम दर्ज म्यूटेशन अपील वाद संख्या 74/2024-25 से जुड़ा है, जो लंबे समय से लंबित था। मनीष भारती ने वाद को निष्पादित करने के लिए डीसीएलआर के नाम पर 10 हजार रुपये की मांग की थी

सत्यापन में आरोप सही पाए जाने के बाद बिछाया गया जाल

शिकायत मिलने के बाद ACB की टीम ने पहले मामले का गहन सत्यापन कियासत्यापन में रिश्वत मांगने की बात स्पष्ट रूप से सही पाई गई, जिसके बाद शुक्रवार को दंडाधिकारी और दो स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में मनीष को रंगेहाथ पकड़ा गया

“शिकायत मिलने के बाद हमने सभी तथ्यों की जांच की और साक्ष्यों की पुष्टि होते ही कार्रवाई की गई।”
– ACB के एसपी

आरोपी मनीष गावां का निवासी, गिरिडीह में था पदस्थापित

गिरफ्तार लिपिक मनीष भारती की उम्र 32 वर्ष है और वह गावां प्रखंड का मूल निवासी है। वर्तमान में गिरिडीह में पदस्थापित होकर रह रहा था। गिरफ्तारी के बाद उसे धनबाद ले जाया गया है, जहां आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है। ACB की इस कार्रवाई से खोरीमहुआ कार्यालय के अन्य कर्मियों में भी हड़कंप मच गया है

न्यूज़ देखो : भ्रष्टाचार के खिलाफ हर कदम पर आपकी आवाज़

‘न्यूज़ देखो’ सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के खिलाफ जनहित में लगातार सशक्त रिपोर्टिंग करता है। हमारी टीम हर घटनाक्रम पर पैनी नजर रखती है ताकि जनता को निष्पक्ष और प्रमाणिक जानकारी मिल सके
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जनता की प्रतिक्रिया और बढ़ती उम्मीदें

ACB की इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों ने एजेंसी की सराहना की है। कई नागरिकों ने कहा कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई से अन्य अधिकारी भी सबक लेंगे। साथ ही, लोगों ने अन्य लंबित मामलों की भी निष्पक्ष जांच की मांग की है।

अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो कृपया इसे रेट करें और नीचे कमेंट में अपनी राय दें।

Exit mobile version