
#गिरिडीह #प्रशासनिक_दौरा : देवघर जाते समय मुख्य सचिव अलका तिवारी सर्किट हाउस में रुकीं—अधिकारियों ने स्वागत किया और विकास योजनाओं की जानकारी दी
- मुख्य सचिव अलका तिवारी और पूर्व आईएएस डीएन तिवारी देवघर जाते समय गिरिडीह में रुके।
- डीसी रामनिवास यादव, एसपी डॉ. विमल कुमार और एसडीएम श्रीकांत यशवंत ने सर्किट हाउस में स्वागत किया।
- बुके देकर अभिवादन और गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया।
- मुख्य सचिव ने जिले में चल रही योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
- मीडिया से दूरी बनाए रखी और संवेदनशील सवालों पर टिप्पणी नहीं की।
राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी बुधवार को अपने पति और पूर्व आईएएस डीएन तिवारी के साथ देवघर जाते समय गिरिडीह पहुंचीं। उनका प्रवास संक्षिप्त जरूर रहा, लेकिन इस दौरान स्थानीय अधिकारियों ने पूरे प्रशासनिक शिष्टाचार के साथ उनका स्वागत किया। सर्किट हाउस में आयोजित इस औपचारिक कार्यक्रम में विकास योजनाओं पर चर्चा हुई और जिले की प्रगति का संक्षिप्त मूल्यांकन किया गया। हालांकि पत्रकारों ने निकाय चुनाव और हाईकोर्ट की टिप्पणियों से जुड़े सवाल पूछे, लेकिन मुख्य सचिव ने चुप्पी साधी और मीडिया से दूरी बनाए रखी।
अधिकारियों ने किया भव्य स्वागत
गिरिडीह सर्किट हाउस में मुख्य सचिव का स्वागत करने के लिए जिला प्रशासन के तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। उपायुक्त (डीसी) रामनिवास यादव, पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. विमल कुमार और सिविल एसडीएम श्रीकांत यशवंत ने बुके भेंट कर मुख्य सचिव का अभिवादन किया। औपचारिक प्रोटोकॉल के तहत उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
डीसी रामनिवास यादव ने कहा: “मुख्य सचिव का गिरिडीह प्रवास हमारे लिए सौभाग्य की बात है। इस दौरान जिले की योजनाओं पर चर्चा हुई और प्रशासन को दिशा-निर्देश भी मिले।”
योजनाओं की प्रगति पर समीक्षा
संक्षिप्त प्रवास के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों से जिले में चल रही विकास योजनाओं और परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने योजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को तेजी से काम करने का निर्देश दिया। हालांकि समीक्षा बैठक लंबी नहीं रही, लेकिन इसमें उन प्रमुख परियोजनाओं का जिक्र हुआ जिनका सीधा संबंध आम जनता से है।
एसपी डॉ. विमल कुमार ने कहा: “मुख्य सचिव ने हमसे कानून व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर भी सामान्य जानकारी ली। उनका ध्यान पूरी तरह योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन पर केंद्रित था।”
मीडिया से दूरी बनाए रखी
सर्किट हाउस में मौजूद पत्रकारों ने मुख्य सचिव से कई संवेदनशील विषयों—विशेषकर निकाय चुनाव और हाईकोर्ट की फटकार—से जुड़े सवाल पूछे। लेकिन मुख्य सचिव ने किसी भी सवाल का जवाब देने से परहेज किया और मीडिया से दूरी बनाए रखी। उनका यह रुख साफ करता है कि इस दौरे का मकसद केवल प्रशासनिक संवाद और योजनाओं की समीक्षा तक सीमित था।
प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण दौरा
हालांकि यह प्रवास केवल कुछ घंटे का रहा, लेकिन इसकी प्रशासनिक अहमियत थी। एक ओर जहां स्थानीय अधिकारियों को राज्य स्तर के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी से संवाद का अवसर मिला, वहीं दूसरी ओर योजनाओं की जमीनी प्रगति पर समीक्षा भी हुई। अधिकारियों की सक्रिय उपस्थिति और सतर्कता से यह संदेश गया कि गिरिडीह प्रशासन पूरी तरह से उच्चाधिकारियों के साथ तालमेल बनाए हुए है।
सिविल एसडीएम श्रीकांत यशवंत ने कहा: “मुख्य सचिव ने जिले की कार्यशैली को सराहा और कुछ योजनाओं की गति बढ़ाने के सुझाव भी दिए। यह दौरा प्रशासनिक दृष्टि से बहुत सकारात्मक रहा।”
देवघर के लिए रवाना
गिरिडीह प्रवास समाप्त होने के बाद मुख्य सचिव अलका तिवारी और पूर्व आईएएस डीएन तिवारी देवघर के लिए रवाना हो गए। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार उनका यह दौरा मुख्यतः शिष्टाचार भेंट और समीक्षा के उद्देश्य से था।
न्यूज़ देखो: संवाद और चुप्पी दोनों का संदेश
मुख्य सचिव अलका तिवारी का गिरिडीह प्रवास प्रशासनिक दृष्टि से जरूर छोटा रहा, लेकिन इसमें स्पष्ट संदेश निहित है। सरकार की शीर्ष नौकरशाही जिले की योजनाओं पर सीधी नजर रख रही है। वहीं मीडिया से दूरी और संवेदनशील सवालों पर चुप्पी इस ओर इशारा करती है कि कुछ मुद्दों पर सरकार अभी सार्वजनिक टिप्पणी से बचना चाहती है।
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संवाद ही विकास का आधार
गिरिडीह में मुख्य सचिव का प्रवास हमें याद दिलाता है कि योजनाओं की प्रगति और प्रशासनिक पारदर्शिता तभी संभव है जब संवाद मजबूत हो। आइए हम सब भी जागरूक नागरिक बनकर प्रशासन से सवाल करें और सकारात्मक बदलाव में योगदान दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि ज्यादा लोग जागरूक बनें।