
#लातेहार #सामाजिक_सेवा : 17 वर्षों से निरंतर सेवा में जुटे शिक्षक – मानदेय से बचाई राशि से हर साल करते हैं कंबल वितरण
- बरवाडीह प्रखंड मुख्यालय के बालिका उच्च विद्यालय परिसर में हुआ प्रेरणादायक सामाजिक कार्यक्रम।
- शशिकांत मंडल ने लगातार 17वें वर्ष जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण किया।
- अपने मानदेय से बचाई राशि से करते हैं गरीबों की मदद।
- बीडीओ रेशमा रेखा मिंज और जिला परिषद सदस्य संतोषी शेखर ने सराहना की।
- दिव्यांग अभिभावकों को भी किया गया सम्मानित, भावुक हुए सभी उपस्थित लोग।
बरवाडीह प्रखंड के बालिका उच्च विद्यालय परिसर में शुक्रवार को एक प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला, जब संकुल साधन सेवी शशिकांत मंडल ने लगातार 17वें वर्ष जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण कर समाजसेवा का संदेश दिया। इस अवसर पर उन्होंने अपने संकुल क्षेत्र के उन अभिभावकों को भी सम्मानित किया, जो शारीरिक रूप से दिव्यांग होने के बावजूद अपने बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजते हैं। यह आयोजन मानवता और शिक्षा के प्रति समर्पण की मिसाल बन गया।
17 वर्षों से जारी सेवा की मिसाल
शशिकांत मंडल ने बताया कि वे पिछले सत्रह वर्षों से अपने मानदेय की राशि में से प्रत्येक माह कुछ हिस्सा बचाकर गरीबों और जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण करते आ रहे हैं। उनका मानना है कि समाज की वास्तविक सेवा केवल शब्दों में नहीं, बल्कि कर्मों से दिखती है। इस वर्ष भी उन्होंने अपने संकुल क्षेत्र के गरीब परिवारों तक यह पहल पहुंचाई, जिससे सर्दी के मौसम में उन्हें राहत मिल सके।
सम्मान पाकर भावुक हुए अभिभावक
कार्यक्रम के दौरान जब दिव्यांग अभिभावकों को सम्मानित किया गया, तो माहौल भावुक हो उठा। सभी अभिभावक शशिकांत मंडल की इस पहल से प्रभावित हुए और उन्हें आशीर्वाद दिया। इस सम्मान समारोह में शिक्षा के प्रति समर्पित कई अभिभावकों की आंखें नम थीं। उनका कहना था कि ऐसे लोग ही समाज को सही दिशा देते हैं और मानवता को जीवित रखते हैं।
प्रखंड विकास पदाधिकारी रेशमा रेखा मिंज ने कहा: “एक न्यूनतम मानदेय वाले कर्मी की समाज के प्रति सकारात्मक सोच व सेवा भावना वास्तव में प्रेरणादायक है। शशिकांत मंडल जैसे कर्मी समाज के लिए मिसाल हैं।”
जनप्रतिनिधियों ने की पहल की सराहना
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिला परिषद सदस्य संतोषी शेखर, विधायक प्रतिनिधि प्रेम सिंह पिंटू, कांग्रेस प्रदेश प्रतिनिधि रविंद्र राम, 20 सूत्री उपाध्यक्ष रणजीत राजू, सांसद प्रतिनिधि दीपक राज, प्रधानाध्यापिका सुनीता खालको, प्रधानाध्यापक शब्बीर खान, तथा कई शिक्षाकर्मी मौजूद थे। सभी ने एक स्वर में कहा कि शशिकांत मंडल की यह पहल समाज के हर व्यक्ति को प्रेरित करने वाली है।
जिला परिषद सदस्य संतोषी शेखर ने कहा: “लगातार 17 वर्षों से समाजसेवा कर रहे शशिकांत मंडल वास्तव में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान के पात्र हैं। उनका निस्वार्थ कार्य बेहतर समाज के निर्माण की सोच को दर्शाता है।”
“सेवा मेरा संकल्प है” – शशिकांत मंडल
इस अवसर पर स्वयं शशिकांत मंडल ने कहा कि यदि उनके छोटे-से प्रयास से किसी जरूरतमंद के जीवन में बदलाव आता है, तो वही उनके जीवन की सबसे बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि वे इस सेवा को अपनी अंतिम सांस तक जारी रखेंगे।
शशिकांत मंडल ने कहा: “अगर मेरे छोटे-से प्रयास से किसी जरूरतमंद के जीवन में कुछ बदलाव आता है और समाज को प्रेरणा मिलती है, तो यही मेरे जीवन की सबसे बड़ी सफलता है। यह सेवा मैं अपनी अंतिम सांस तक करता रहूंगा।”
कार्यक्रम का संचालन शब्बीर खान ने किया। मौके पर शिक्षक अनिल सिंह, मनोज सहाय, समेत कई शिक्षाकर्मी और ग्रामीण मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत में जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण किया गया, जिससे हर चेहरे पर मुस्कान देखने को मिली।
न्यूज़ देखो: सेवा की ऐसी मिसाल जो समाज को जगाती है
शशिकांत मंडल की यह पहल इस बात का प्रमाण है कि सीमित संसाधनों में भी बड़ा काम किया जा सकता है। समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए बड़े पद या पैसे की नहीं, बल्कि बड़े दिल की जरूरत होती है। ऐसे लोगों के प्रयास ही समाज को मानवीयता की दिशा में आगे बढ़ाते हैं।
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इंसानियत की ठंड में गर्माहट बनें
सर्द हवाओं में किसी जरूरतमंद के लिए एक कंबल सिर्फ वस्त्र नहीं, बल्कि जीवन की आस बन जाता है। अब वक्त है कि हम सभी समाज में ऐसी पहलों को आगे बढ़ाएं और मानवता की लौ जलाए रखें।
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