
#राँची #नगरनिकायचुनाव : राज्य निर्वाचन आयोग ने 2025-26 के नगर निकाय चुनाव के लिए दो से अधिक संतान और बकाया कर रखने वाले उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराया
- राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव 2025-26 के लिए अयोग्यता के दिशा-निर्देश जारी किए।
- दो से अधिक संतान वाले उम्मीदवार जिनकी अंतिम संतान का जन्म 9 फरवरी 2013 के बाद हुआ है, चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
- बकाया कर, शुल्क या किराया वाले उम्मीदवार भी नामांकन नहीं कर सकेंगे।
- गोद ली गई और जुड़वा संतानों को भी कुल संतान में शामिल किया जाएगा।
- झारखंड में सभी नगर निकायों के चुनाव पहली बार समान समय पर आयोजित किए जाएंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पात्रता को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार, जिन उम्मीदवारों की दो से अधिक संतान हैं और उनकी अंतिम संतान का जन्म 9 फरवरी 2013 के बाद हुआ है, वे चुनाव में भाग नहीं ले सकेंगे। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि गोद ली गई और जुड़वा संतानों को भी कुल संतान की संख्या में जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, नगर निकाय चुनाव में बकाया कर, शुल्क या किराया चुकाए बिना किसी उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं होगी।
दो से अधिक संतान पर रोक
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राधे श्याम प्रसाद ने सभी जिलों को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं कि महापौर, अध्यक्ष और वार्ड सदस्य के चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी अपनी संतान संख्या का स्वघोषणा पत्र नामांकन पत्र के साथ संलग्न करें। आयोग ने बताया कि दो से अधिक संतान वाले उम्मीदवार केवल तभी अयोग्य होंगे जब उनकी अंतिम संतान का जन्म 09 फरवरी 2013 के बाद हुआ हो। यदि दो से अधिक संतान उस तिथि तक थी और बाद में इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई, तो उम्मीदवार चुनाव लड़ सकते हैं।
राधे श्याम प्रसाद ने कहा: “हम चाहते हैं कि नगर निकाय चुनाव निष्पक्ष और नियमों के अनुसार हों, इसलिए दो से अधिक संतान वाले और बकाया कर रखने वाले उम्मीदवार अयोग्य माने जाएंगे।”
गोद ली गई और जुड़वा संतान को भी कुल संतान में शामिल किया जाएगा, जिससे अभ्यर्थियों की संख्या सत्यापित की जा सके।
बकाया कर वाले उम्मीदवारों के लिए नियम
राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि नगर निकाय चुनाव 2025-26 में बकाया कर, शुल्क या किराया चुकाए बिना किसी उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं होगी। 09 फरवरी 2013 से पूर्व लंबित राशि पर चक्रवृद्धि ब्याज नहीं लगेगा, लेकिन मूल बकाया और सरल ब्याज का भुगतान अनिवार्य होगा। स्वघोषणा पत्र और सत्यापन के दौरान कोई गड़बड़ी पाए जाने पर नामांकन रद्द कर दिया जाएगा। उम्मीदवारों को वर्ष 2024-25 तक अपने कर का भुगतान सुनिश्चित करना होगा।
सभी नगर निकायों में चुनाव एक साथ
राज्य निर्वाचन आयोग ने यह भी कहा कि झारखंड के सभी नगर निकायों के चुनाव पहली बार एक साथ आयोजित किए जाएंगे। आयोग ने तीन से अधिक संतान वाले उम्मीदवारों के मामले में उपायुक्तों को आदेश भेजा है और उनका पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है।
न्यूज़ देखो: नगर निकाय चुनाव में पारदर्शिता और नियमों का सख्त पालन
यह निर्णय स्पष्ट संदेश देता है कि राज्य निर्वाचन आयोग नगर निकाय चुनाव में पारदर्शिता और नियमों के पालन को लेकर गंभीर है। यह सुनिश्चित करता है कि केवल पात्र और उत्तरदायी उम्मीदवार ही चुनाव लड़ सकें, जिससे चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और सुव्यवस्थित रहे।
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सजग नागरिक बनें, चुनावी प्रक्रिया में सहभागिता करें
चुनाव में भाग लेने वाले सभी नागरिकों को अपने अधिकार और कर्तव्य का पालन करना चाहिए। नियमों के अनुसार अपनी पात्रता सुनिश्चित करें और समाज में जागरूकता फैलाएं। अपनी राय कमेंट करें, खबर शेयर करें और दूसरों को भी चुनावी नियमों से अवगत कराएँ ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित किया जा सके।



