#पटना #राजनीतिक_विवाद – चना दाल खरीद में गड़बड़ी का आरोप, थाने में दर्ज हुआ गंभीर मामला
- राजद एमएलसी डॉ. सुनील सिंह, पत्नी और बेटे पर गर्दनीबाग थाने में दर्ज हुआ गबन का मामला
- आशा इंटरप्राइजेज की प्रोपराइटर मेघा ने दर्ज कराई 45.86 लाख रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत
- शिकायत में तीन सहकारी समितियों के नाम पर दाल खरीद के लिए पैसे लेने का आरोप
- एमएलसी सुनील सिंह ने आरोपों को बताया बेबुनियाद, कहा—जांच के बाद देंगे जवाब
- पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की, थानेदार ने दी पुष्टि
गबन का गंभीर आरोप, दर्ज हुई FIR
राजद से जुड़े और विधान परिषद सदस्य (MLC) डॉ. सुनील सिंह, उनकी पत्नी वंदना सिंह और बेटे यशस्वी सिंह के खिलाफ पटना के गर्दनीबाग थाना में 45.86 लाख रुपए के गबन का मामला दर्ज किया गया है। यह आर्थिक अनियमितता का मामला आशा इंटरप्राइजेज की प्रोपराइटर मेघा की लिखित शिकायत के बाद सामने आया है।
मेघा ने आरोप लगाया है कि—
“सुनील सिंह (अध्यक्ष – मां कालरात्रि फल सब्जी उत्पादक स्वलाभी सेवा समिति), वंदना सिंह (अध्यक्ष – जय माता दी कृषक स्वलाभी सहकारी समिति लिमिटेड) और यशस्वी सिंह (अध्यक्ष – सारण फल सब्जी कृषक स्वलाभी सेवा समिति लिमिटेड) ने चना दाल की आपूर्ति के लिए तीन अलग-अलग संगठनों के खाते में 45.86 लाख रुपये लिए, लेकिन अब तक दाल की आपूर्ति नहीं की गई।”
एमएलसी ने दिया जवाब, पुलिस कर रही जांच
आरोपों के जवाब में एमएलसी डॉ. सुनील सिंह ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा:
“जिन आरोपों का उल्लेख किया गया है, उनकी कॉपी हम मांग रहे हैं। यह सभी आरोप बेबुनियाद हैं और हम उचित तरीके से जवाब देंगे।”
गर्दनीबाग थानेदार प्रतोष कुमार ने पुष्टि की कि मामला दर्ज हो चुका है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
न्यूज़ देखो: सत्ता, सहकारिता और शक
न्यूज़ देखो मानता है कि ऐसे मामलों में पारदर्शिता और निष्पक्ष जांच बेहद आवश्यक है। जब राजनीति और सहकारी संस्थाओं के संचालन में आर्थिक विवाद जुड़ते हैं, तो जनविश्वास डगमगाता है।
पटना जैसे शहर में अगर एक महिला व्यवसायी को दाल जैसी आवश्यक वस्तु की आपूर्ति में ठगी का सामना करना पड़ता है, तो यह प्रणाली की विफलता और जवाबदेही पर सवाल खड़े करता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सच और झूठ के बीच फंसी है न्याय की उम्मीद
यह मामला सिर्फ एक आर्थिक धोखाधड़ी का नहीं, बल्कि साख और विश्वास का है।
चाहे कोई भी हो – आम नागरिक या सत्ताधारी, कानून सबके लिए समान होना चाहिए।
अब देखना है कि जांच में सच उजागर होता है या राजनीतिक प्रभाव हावी होता है।
न्याय की उम्मीद में निगाहें टिक गई हैं…