
#गढ़वा #बिरसाहरितग्राम_योजना : डंडई प्रखंड के रारो गाँव में आम बागान तोड़फोड़ और किसानों को जान से मारने की धमकियों का मामला उजागर
- डंडई प्रखंड के रारो गाँव में उमेश यादव के आम बागान के सुरक्षा जाल को उपद्रवियों ने उखाड़ दिया।
- पीड़ित किसान उमेश यादव ने डंडई थाना में लिखित आवेदन देकर छह नामजद आरोपियों को चिन्हित किया।
- आरोपियों में धर्मेंद्र यादव, वीरेंद्र यादव, जयप्रकाश यादव, ओम प्रकाश यादव, रामचंद्र यादव और बलराम यादव शामिल हैं।
- किसान और उनके परिवार को लगातार जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं।
- अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई और किसान पुलिस की त्वरित कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं।
- स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन और उच्च पुलिस अधिकारियों से मामला प्राथमिकता पर उठाने और कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।
गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड में झारखंड सरकार की बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत लगाए गए आम बागान में तोड़फोड़ और धमकियों का मामला सामने आया है। लाभार्थी किसान उमेश यादव ने बताया कि उनके बागान के चारों ओर लगाए गए सुरक्षा जाल को उपद्रवियों ने उखाड़ दिया, जिससे आम के पौधे अब खुला और असुरक्षित हो गए हैं। इसके साथ ही, किसान और उनका परिवार लगातार जान से मारने की धमकियों के बीच दहशत में हैं।
सुरक्षा जाल को नुकसान और खतरे
उपद्रवियों द्वारा तोड़फोड़
उमेश यादव ने पुलिस को आवेदन में कहा कि उनके अपने ही गाँव के छह व्यक्तियों ने आपसी रंजिश के चलते सुरक्षा जाल को नष्ट किया। इस जाल के टूटने से आम के पौधों को नष्ट होने का सीधा खतरा है और पूरी बागवानी असुरक्षित हो गई है।
उमेश यादव ने कहा: “इन लोगों ने जान से मारने की धमकी दी है और मेरी फसल को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। हमें पुलिस की तत्काल सुरक्षा और कार्रवाई की आवश्यकता है।”
त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता
हालांकि किसान ने आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है, अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। स्थानीय जनता और किसान इस मामले में पुलिस हस्तक्षेप की गंभीर आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन और उच्च पुलिस अधिकारियों से मामले को प्राथमिकता देने और किसान को धमकियों से सुरक्षा प्रदान करने की अपील की। उन्होंने नामजद आरोपियों के खिलाफ शीघ्र कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
न्यूज़ देखो: गढ़वा में बिरसा हरित ग्राम योजना के लाभार्थी किसान पर उपद्रवियों की कार्रवाई
यह मामला स्पष्ट करता है कि सरकारी योजनाओं के तहत लगाए गए बागान को सुरक्षा की गंभीर आवश्यकता है। किसानों की फसल और जीवन को खतरा पहुंचाने वाले मामलों में प्रशासन और पुलिस की त्वरित कार्रवाई जरूरी है। योजनाओं का लाभ तभी सुरक्षित और असरदार होता है जब लाभार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
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