
#सिमडेगा #महिलासुरक्षा : गरिमा केंद्र की बैठक में दो मामलों की समीक्षा, पीड़िताओं को संरक्षण और न्याय का भरोसा।
- प्रखंड संभागार में सलाहकार समिति की बैठक हुई।
- बैठक की अध्यक्षता बीडीओ नयूमुद्दीन अंसारी ने की।
- डायन प्रथा और महिला उत्पीड़न से जुड़े दो मामले सामने आए।
- थाना प्रभारी मानव मयंक ने सुरक्षा और सहयोग का आश्वासन दिया।
- बैठक में जिप सदस्य, मुखिया और जेएसएलपीएस दीदियां मौजूद रहीं।
सिमडेगा, बानो। प्रखंड संभागार में गरिमा केंद्र सह जेंडर रिसोर्स सेंटर की ओर से बुधवार को आयोजित सलाहकार समिति की बैठक में महिला उत्पीड़न और डायन प्रथा से संबंधित मामलों पर गंभीरता से चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता बीडीओ नयूमुद्दीन अंसारी ने की। मौके पर जिप सदस्य, थाना प्रभारी मानव मयंक और जेएसएलपीएस की दीदियां मौजूद थीं।
महिला उत्पीड़न और डायन प्रथा पर समीक्षा
बैठक में बताया गया कि बिन्तुका गांव की एक महिला को उसके ही परिवार के सदस्यों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। इस मामले में अधिकारियों ने विस्तृत जानकारी ली और पीड़िता को पूर्ण सहयोग और संरक्षण देने का भरोसा दिया। इसके अलावा डायन प्रथा से जुड़े एक और मामले की समीक्षा कर उस पर कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात कही गई।
प्रशासन ने दिया सहयोग का आश्वासन
थाना प्रभारी मानव मयंक और बीडीओ नयूमुद्दीन अंसारी ने स्पष्ट कहा कि महिला उत्पीड़न और अंधविश्वास से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने पीड़िताओं को हर संभव सहायता देने का वादा किया।
समाज की भागीदारी हुई महत्वपूर्ण
बैठक में बानो पंचायत के मुखिया विश्वनाथ बड़ाइक, पीएलवी अशोक तिवारी, बीपीएम कुंदन भगत समेत जेएसएलपीएस की दीदियां मौजूद रहीं। इन सभी ने सामूहिक रूप से महिला सशक्तिकरण और न्याय के लिए प्रशासन के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
न्यूज़ देखो: सामाजिक कुरीतियों पर सख्ती जरूरी
डायन प्रथा और महिला उत्पीड़न जैसी समस्याएं समाज के लिए कलंक हैं। गरिमा केंद्र की इस पहल ने एक बार फिर यह साबित किया है कि सामूहिक सहयोग और प्रशासनिक सख्ती से ही इन कुरीतियों को मिटाया जा सकता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
महिलाओं की गरिमा और अधिकार की रक्षा सबकी जिम्मेदारी
अब समय है कि हम सभी सामाजिक कुरीतियों और महिला उत्पीड़न के खिलाफ एकजुट हों। आपकी राय और सहयोग इस बदलाव को और मजबूत करेगा। इस खबर को साझा करें और अपनी प्रतिक्रिया दें ताकि जागरूकता बढ़े।