
#पलामू #पशुतस्करी : बजरंग दल कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों की सतर्कता से बचाए गए दस मवेशी
- पंडवा प्रखंड के रबदी गांव में मवेशियों की तस्करी की कोशिश नाकाम।
- बजरंग दल कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने दिखाई सक्रियता।
- तस्कर पूछताछ से पहले मौके से फरार हो गए।
- मवेशियों को सुरक्षित बगीचे में रखा गया और दी गई देखभाल।
- पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पलामू जिले के पंडवा प्रखंड के मझिगांव पंचायत के रबदी गांव में गुरुवार सुबह एक बड़ी घटना सामने आई। बजरंग दल कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों की सतर्कता से दस मवेशियों की तस्करी की कोशिश को नाकाम कर दिया गया। सूचना मिली थी कि कुछ तस्कर सुबह करीब आठ बजे मवेशियों को अवैध रूप से ले जा रहे हैं। इस पर ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। पूछताछ शुरू होते ही तस्कर मौके से भाग खड़े हुए।
कार्यकर्ताओं ने मवेशियों को सुरक्षित रखा
तस्करों के भाग जाने के बाद कार्यकर्ताओं ने सभी मवेशियों को मझिगांव के एक बगीचे में सुरक्षित रखा और उन्हें चारा-पानी उपलब्ध कराया। इसके बाद घटना की जानकारी जिला संयोजक को दी गई और पुलिस प्रशासन तक मामला पहुंचाया गया।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
सूचना मिलते ही पड़वा थाना प्रभारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और पूरी स्थिति की जांच की। पुलिस ने निर्देश दिया कि मवेशियों को थाने लाया जाए और आगे की कानूनी कार्रवाई की जाए। थाना प्रभारी ने कहा कि तस्करों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी
इस अभियान में पलामू जिला बजरंग दल सह संयोजक हिमांशु पांडेय, विहिप पंडवा प्रखंड अध्यक्ष पंकज साव, विहिप नावाबाजार प्रखंड उपाध्यक्ष सत्यनारायण तिवारी, विहिप कंडा पंचायत अध्यक्ष गोविंदा पासवान, धनंजय कुमार समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। स्थानीय ग्रामीणों ने भी सक्रिय सहयोग दिया।
ग्रामीणों की चिंता और उम्मीद
ग्रामीणों का कहना है कि पशु तस्करी लंबे समय से इस क्षेत्र में चिंता का विषय बनी हुई है। उनका मानना है कि यदि कार्यकर्ताओं और पुलिस प्रशासन की ऐसी ही सतर्कता बनी रही तो तस्करी पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है।
न्यूज़ देखो: सतर्कता से बच सकती हैं जानें
यह घटना साबित करती है कि समाज की सजगता और प्रशासन की तत्परता मिलकर बड़े अपराधों को रोका जा सकता है। मवेशियों की तस्करी केवल कानून व्यवस्था का मामला नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक नुकसान से भी जुड़ा है।
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अब समय है सामूहिक सतर्कता बढ़ाने का
ग्रामीणों और संगठनों की एकजुटता से ही समाज में अपराध पर रोक लगाई जा सकती है। यह जरूरी है कि हम सभी अपनी जिम्मेदारी समझें और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना प्रशासन को दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि ऐसी घटनाओं के खिलाफ जागरूकता बढ़ सके।