
#गढ़वा #कांडीअस्पतालनिरीक्षण : सांप काटने और रेबीज जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए अस्पताल में नहीं थे जरूरी इंजेक्शन — एसडीएम ने जताई नाराजगी, स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने का निर्देश
- एसडीएम संजय कुमार ने कांडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का किया औचक निरीक्षण
- अस्पताल में नहीं मिला एंटी वेनम और रैबीज इंजेक्शन, जताई नाराजगी
- एसडीएम ने कहा कांडी क्षेत्र में सांप काटने की घटनाएं आम, तुरंत व्यवस्था जरूरी
- इलाज में देरी से अब तक कई मौतें, मझिआंव पहुंचने से पहले दम तोड़ते हैं मरीज
- स्वास्थ्य विभाग को नियमित निरीक्षण के निर्देश, जवाबदेही तय करने की बात
चिकित्सकीय सेवाओं की जांच में सामने आई गंभीर लापरवाही
गढ़वा सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने सोमवार को कांडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण का उद्देश्य था कि स्वास्थ्य केंद्र में निर्धारित मानकों का पालन हो रहा है या नहीं।
निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने डॉक्टरों की उपस्थिति, दवा स्टॉक, वार्ड की सफाई, ओपीडी सेवा और मरीजों को मिलने वाली नि:शुल्क दवाइयों की उपलब्धता की जांच की।
ओपीडी में डॉ. अमित कुमार मरीजों को इलाज करते मिले। उन्होंने बताया कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मझिआंव अस्पताल में उपस्थित हैं।
एंटी वेनम और रैबीज इंजेक्शन गायब, जताई गई चिंता
निरीक्षण के दौरान सबसे गंभीर मामला यह सामने आया कि अस्पताल में सर्पदंश (एंटी वेनम) और रैबीज इंजेक्शन मौजूद नहीं थे।
एसडीएम संजय कुमार ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए त्वरित व्यवस्था का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि—
एसडीएम संजय कुमार ने कहा: “कांडी का इलाका सोन और कोयल नदी से घिरा है, यहां करैत जैसे जहरीले सांपों की घटनाएं आम हैं। कई बार लोग अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। कांडी में ही दवा रहे तो कई जिंदगियां बच सकती हैं।”
स्वास्थ्य विभाग को दिए जवाबदेही तय करने के निर्देश
एसडीएम ने स्पष्ट कहा कि कांडी और बरडीहा जैसे दूरस्थ इलाकों में आपातकालीन दवाएं हमेशा उपलब्ध रहनी चाहिए।
इसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी क्षेत्रीय निरीक्षण करने और लापरवाही पर जवाबदेही तय करने को कहा गया है।
एसडीएम ने फोन पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देशित किया कि जल्द से जल्द दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
झाड़-फूंक से नहीं, समय पर अस्पताल पहुंचने से बच सकती है जान
निरीक्षण के अंत में एसडीएम संजय कुमार ने आम नागरिकों से एक संवेदनशील अपील की।
उन्होंने कहा कि—
“झाड़-फूंक से समय बर्बाद होता है, जिसके बाद विष शरीर में फैल जाता है और जीवन बचाना मुश्किल हो जाता है। कृपया सर्पदंश होने पर सीधे अस्पताल जाएं।”
उन्होंने अनुमंडल क्षेत्र के सभी अस्पतालों को सख्त निर्देश दिए कि सर्पदंश के मरीजों को तत्काल प्राथमिक उपचार दिया जाए और एंटी वेनम स्टॉक हमेशा उपलब्ध हो।



न्यूज़ देखो: जमीनी स्वास्थ्य व्यवस्था को जवाबदेह बनाना जरूरी
कांडी जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन और चिकित्सा के बीच दूरी आज भी खतरा बनी हुई है।
‘न्यूज़ देखो’ इस निरीक्षण के माध्यम से प्रशासन की सतर्कता का स्वागत करता है, लेकिन यह सवाल भी उठाता है— ऐसे गंभीर जीवनरक्षक इंजेक्शन पहले से क्यों नहीं थे?
प्रशासन को अब केवल निरीक्षण ही नहीं, नियमित निगरानी और कार्रवाई भी सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि कोई शांति देवी, कोई बच्चा या बुजुर्ग समय पर दवा न मिलने से दम न तोड़े।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा
आम लोगों को चाहिए कि वे खुद भी स्वास्थ्य जागरूकता रखें।
अगर आसपास के अस्पताल में जरूरी दवा न मिले तो उसकी सूचना प्रशासन को दें।
अपने जान-पहचान वालों को भी बताएं कि झाड़-फूंक के बजाय समय पर अस्पताल पहुंचना ही जान बचा सकता है।
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