Latehar

महुआडांड़ की सरज़मीं पर गूंजा जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी मोहम्मदी: जुलूस में उमड़ा जनसैलाब

Join News देखो WhatsApp Channel
#महुआडांड़ #ईदमिलादुन्नबी : 1500वीं शाला पर निकला भव्य जुलूस, तकबीर और रिसालत के नारों से गूंजी फिज़ा
  • महुआडांड़ में पूरे शान-ओ-शौकत से निकाला गया जुलूस-ए-मोहम्मदी।
  • इस वर्ष का जुलूस 1500वीं शाला होने के कारण रहा खास।
  • “सरकार की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा” नारों से फिज़ा गूंज उठी।
  • मौलाना रेयाज रिज़वी और नौशाद आलम ने हज़रत मोहम्मद साहब की शिक्षाओं पर दिया जोर।
  • मस्जिदों, घरों और गलियों को सजाया गया, जगह-जगह लंगर व तक्सीम-ए-फल।
  • प्रशासन की चाक-चौबंद सुरक्षा, पूरे जुलूस मार्ग पर रही पुलिस की सख़्त निगरानी।

महुआडांड़ की सरज़मीं शुक्रवार को जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी की रौशनियों और नारों से गूंज उठी। पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद साहब की पैदाइश की खुशी में निकाले गए जुलूस-ए-मोहम्मदी को इस बार और भी खास बना दिया, क्योंकि यह 1500वीं शाला का जुलूस था। सुबह 8 बजे जामा मस्जिद से शुरू हुआ यह कारवां अम्वांटोली, शहीद चौक, गुरगुटोली, गांधी चौक, बिरसा मुंडा चौक होते हुए फुलवार बगीचा तक पहुंचा और फिर पुनः जामा मस्जिद पर सलाम व दुआ के साथ सम्पन्न हुआ।

नारों और नातों से सजी फिज़ा

जुलूस में शामिल लोगों ने साफ-सुथरा लिबास और अत्तर पहनकर अपनी हाजिरी दर्ज की। हर कदम पर “नारे तकबीर अल्लाहु अकबर, नारे रिसालत या रसूल्लाह, सरकार की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा” जैसे नारों की गूंज सुनाई दी। उलेमा और तलबा ने मोहम्मद साहब की शान में नात पेश कीं, जिससे पूरा माहौल रूहानी एहसास से भर गया।

हज़रत मोहम्मद की तालीम पर रोशनी

जामा मस्जिद के इमाम मौलाना रेयाज रिज़वी और गौसिया मस्जिद के मौलाना नौशाद आलम ने अपने बयान में कहा कि “हज़रत मोहम्मद के आने से बच्चियों को जिंदगी का हक मिला, बेवाओं को इज़्ज़त मिली और ऊंच-नीच का भेदभाव खत्म हुआ।” उन्होंने आगे कहा कि “कामयाबी उसी को हासिल होगी जो मोहम्मद साहब की सीरत से सबक लेकर उनके बताए रास्ते पर चले।”

रोशनी, सजावट और तकसीम-ए-लंगर

इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मस्जिदों, घरों और गलियों को खूबसूरत सजावट से रोशन किया। अम्वांटोली, डिपाटोली और आज़ाद मार्केट समेत कई जगहों पर गेट बनाए गए। जगह-जगह लंगर का इंतजाम किया गया और राहगीरों को फल-फ्रूट तक्सीम किए गए।

सुरक्षा व्यवस्था रही कड़ी

महुआडांड़ थाना प्रभारी मनोज कुमार के नेतृत्व में पुलिस बल पूरी तरह मुस्तैद दिखा। हर चौक-चौराहे पर मजिस्ट्रेट और जवानों की तैनाती की गई थी। जुलूस के साथ-साथ भी सुरक्षा बल मौजूद रहे। अंजुमन कमेटी और स्थानीय लोगों ने प्रशासन के इस प्रयास की सराहना की।

न्यूज़ देखो: आस्था और अमन का पैगाम

महुआडांड़ का यह जुलूस-ए-मोहम्मदी न सिर्फ धार्मिक उत्सव रहा, बल्कि गंगा-जमुनी तहज़ीब और भाईचारे की मिसाल भी पेश करता है। ऐसे आयोजनों से समाज में अमन, मोहब्बत और इंसानियत का संदेश दूर-दूर तक फैलता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

मोहब्बत और भाईचारा सबसे बड़ा पैगाम

हज़रत मोहम्मद की सीरत हमें बताती है कि इंसानियत से बढ़कर कोई धर्म नहीं। अब समय है कि हम सब मोहब्बत और भाईचारे को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएं।
अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि मोहब्बत का पैगाम और आगे तक पहुंचे।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20251017-WA0018
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250925-WA0154
1000264265
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Ramprawesh Gupta

महुवाडांड, लातेहार

Related News

Back to top button
error: