
#पलामू #दिशाकमेटीविवाद : केंद्र ने BJP नेताओं को किया नामित, JMM ने उठाए सवाल – देवेश तिवारी ने कहा, “अब बारी राज्य की”
- केंद्र ने DISHA समिति के लिए पलामू से 5 सदस्यों के नाम प्रस्तावित किए
- नामों में विभाकर नारायण पांडेय, अवधेश सिंह, दशरथ राम, संध्या सिंह और देवेश तिवारी शामिल
- झारखंड सरकार ने अब तक समिति गठन पर नोटिफिकेशन जारी नहीं किया
- JMM ने उठाए सवाल, कहा – सुविधा लेना गैरकानूनी, FIR होनी चाहिए
- देवेश तिवारी बोले – “केंद्र ने जिम्मेदारी निभाई, अब राज्य तय करे कदम”
केंद्र ने दिशा कमेटी के लिए भेजे नाम, राज्य से नहीं मिली स्वीकृति
रांची/पलामू : झारखंड में केंद्र सरकार द्वारा गठित राज्यस्तरीय डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट कोऑर्डिनेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (DISHA) को लेकर पलामू से 5 सदस्यों के नाम भेजे गए हैं।
प्रस्तावित नामों में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े विभाकर नारायण पांडेय, अवधेश सिंह, दशरथ राम, संध्या सिंह और देवेश तिवारी शामिल हैं।
हालांकि, अब तक झारखंड सरकार की ओर से इस समिति को लेकर कोई अधिसूचना (नोटिफिकेशन) जारी नहीं की गई है।
जेएमएम ने जताया विरोध, उठाए कानूनी सवाल
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने इस प्रक्रिया पर कड़ा ऐतराज जताया है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा है कि –
“राज्य सरकार की स्वीकृति के बिना केंद्र द्वारा समिति गठन दिखाता है कि सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है। नामित लोगों द्वारा यदि वे सुविधा लेते हैं, तो यह गैरकानूनी है और इस पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।”
देवेश तिवारी ने दी सफाई – “राज्य की भूमिका अहम”
इस विवाद पर देवेश तिवारी ने कहा कि –
“केंद्र सरकार ने अपनी भूमिका निभाई है। DISHA कमेटी को लेकर नाम भेजना उसकी प्रक्रिया का हिस्सा है। अब राज्य सरकार को तय करना है कि वह इस पर कब फैसला लेती है।”
उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड के विकास के लिए समन्वय ज़रूरी है, और राजनीतिक खींचतान योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा बन रही है।
दिशा कमेटी का महत्व
गौरतलब है कि DISHA कमेटी केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण निगरानी प्रणाली है, जो जिला स्तर पर विकास योजनाओं की समीक्षा, निगरानी और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बनाई जाती है।
इसमें लोकसभा सांसद अध्यक्ष होते हैं, और केंद्र व राज्य की योजनाओं के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाता है।
झारखंड में लंबे समय से DISHA कमेटियों की कार्यवाही ठप पड़ी है, जिससे PMGSY, आवास योजना, जल जीवन मिशन, मनरेगा जैसी योजनाओं की प्रगति पर असर पड़ा है।
न्यूज़ देखो: विकास बनाम राजनीति – DISHA का क्या होगा दिशा?
‘न्यूज़ देखो’ मानता है कि झारखंड जैसे राज्य में, जहां विकास योजनाएं अक्सर विलंब और कागज़ी कार्रवाई में फंस जाती हैं, वहां DISHA जैसी समिति की भूमिका अत्यंत आवश्यक है।
राज्य और केंद्र के बीच समन्वय का अभाव, जनता के हक को प्रभावित करता है।
हम वादा करते हैं – विकास योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में आपकी आवाज़ बनेंगे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।