
#लातेहार #विकास_परियोजना : मंडल डैम स्थल पहुंचे जल संसाधन विभाग और सेंट्रल वॉटर कमीशन के अधिकारी – निर्माण कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता की की समीक्षा
- भारत सरकार की निरीक्षण टीम शनिवार को बरवाडीह प्रखंड पहुंची।
- मंडल डैम परियोजना स्थल पर उत्तर कोयल परियोजना के अधूरे कार्यों का लिया गया जायजा।
- टीम का नेतृत्व आईएएस शिल्पा शिंदे (सीएमडी) और योगेंद्र पथनकर (सदस्य सचिव, सेंट्रल वॉटर कमीशन) ने किया।
- निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्यों की गति और गुणवत्ता पर जोर दिया गया।
- बीडीओ रेशमा रेखा मिंज और एसडीपीओ भरत राम समेत स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे।
- परियोजना से जुड़े तकनीकी पहलुओं पर निर्माण एजेंसी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड स्थित उत्तर कोयल परियोजना के अधूरे कार्यों का शनिवार को केंद्र सरकार की एक उच्चस्तरीय टीम ने निरीक्षण किया। यह टीम भारत सरकार के जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग और सेंट्रल वॉटर कमीशन के संयुक्त सहयोग से आई थी। इस दौरे का उद्देश्य परियोजना के विभिन्न चरणों की समीक्षा कर कार्य की प्रगति को गति देना था।
मंडल डैम स्थल पर विस्तृत निरीक्षण
निरीक्षण टीम ने प्रखंड विकास पदाधिकारी रेशमा रेखा मिंज के नेतृत्व में मंडल डैम स्थल का दौरा किया। टीम ने स्थल के ऊपरी और निचले हिस्सों का बारीकी से निरीक्षण किया।
टीम ने परियोजना स्थल पर निर्माण कंपनी के इंजीनियरों से विस्तृत जानकारी ली और उन स्थानों का मुआयना किया जहां अब भी कार्य अधूरे हैं। अधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश दिया कि गुणवत्ता से समझौता किए बिना कार्य में तेजी लाना अनिवार्य है।
आईएएस शिल्पा शिंदे (सीएमडी) ने कहा: “उत्तर कोयल परियोजना क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास से जुड़ी एक महत्वपूर्ण योजना है। इसे निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करना सरकार की प्राथमिकता है।”
उच्च स्तरीय अधिकारियों की मौजूदगी
निरीक्षण टीम में योगेंद्र पथनकर (मेंबर सेक्रेटरी, सेंट्रल वॉटर कमीशन), एच. एस. सेंगर (मुख्य अभियंता), संजय शर्मा (सीनियर जीएम) और मानिक घोष शामिल थे।
इन अधिकारियों ने मंडल डैम के दोनों हिस्सों का निरीक्षण करने के बाद स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने परियोजना से जुड़े तकनीकी बिंदुओं, वित्तीय स्थिति और समयबद्ध पूर्णता पर चर्चा की।
प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों का सहयोग
स्थानीय स्तर पर निरीक्षण के दौरान प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी उपस्थित रहे।
मौके पर अंचलाधिकारी लवकेश सिंह, एसडीपीओ भरत राम, और थाना प्रभारी अनूप कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
सभी ने परियोजना से जुड़े अवरोधों, भूमि अधिग्रहण की स्थिति और श्रमिकों की उपलब्धता से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की। प्रशासन ने केंद्र टीम को भरोसा दिलाया कि स्थानीय स्तर पर हर संभव सहायता दी जाएगी।
परियोजना से मिलेगा हजारों किसानों को लाभ
उत्तर कोयल परियोजना के पूरा होने के बाद लातेहार, पलामू और चतरा जिले के हजारों किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। परियोजना के तहत जल संग्रहण, बांध निर्माण और नहर प्रणाली को सुदृढ़ किया जा रहा है।
इसके पूरा होने से क्षेत्र की खेती योग्य भूमि में वृद्धि, जल संरक्षण में सुधार और कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
योगेंद्र पथनकर (मेंबर सेक्रेटरी) ने कहा: “परियोजना से झारखंड के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में सिंचाई की व्यवस्था बेहतर होगी और किसानों की आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।”
तकनीकी समीक्षा और आगे की दिशा
टीम ने निर्माण कंपनी के इंजीनियरों को तकनीकी खामियों को दूर करने और मॉनिटरिंग रिपोर्ट नियमित रूप से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अब परियोजना के प्रत्येक चरण की समीक्षा केंद्र स्तर पर की जाएगी ताकि कोई भी काम लंबित न रहे।
साथ ही, निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की जांच और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने पर भी बल दिया गया।

न्यूज़ देखो: विकास का वादा अब हकीकत बनने की ओर
उत्तर कोयल परियोजना झारखंड की सबसे महत्वाकांक्षी जल योजनाओं में से एक है। इस परियोजना के माध्यम से न केवल सिंचाई व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा मिलेगी।
केंद्र और राज्य के समन्वय से यदि इस परियोजना को समय पर पूरा किया गया, तो यह क्षेत्र के विकास में ऐतिहासिक भूमिका निभाएगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
विकास की रोशनी से निखरेगा झारखंड का भविष्य
ऐसी परियोजनाओं की सफलता जनता और प्रशासन के सामूहिक प्रयास पर निर्भर करती है। उत्तर कोयल परियोजना केवल एक बांध नहीं, बल्कि झारखंड के किसानों की उम्मीदों का प्रतीक है।
अब समय है कि हम सब इस विकास यात्रा में अपनी भूमिका निभाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और राज्य के विकास में भागीदार बनें।