
#गुमला #स्वच्छता_सुविधा : बस स्टैंड परिसर में दो यूनिट शौचालय का उद्घाटन, महिलाओं और यात्रियों को मिलेगी बड़ी राहत
- दो यूनिट शौचालय का निर्माण 5.15 लाख रुपये की लागत से हुआ।
- जिला परिषद मद से 15वें वित्त आयोग (टाइड) अंतर्गत बनाया गया।
- निरीक्षण में मिली अनियमितताएँ सुधारने के बाद हैंडओवर पूर्ण।
- बस स्टैंड क्षेत्र में खुले में शौच की समस्या खत्म।
- उद्घाटन में जिला परिषद सदस्य और ग्रामीणों की सक्रिय उपस्थिति।
चैनपुर, गुमला: चैनपुर मुख्यालय बस स्टैंड के पास निर्मित दो यूनिट वाले सार्वजनिक शौचालय का मंगलवार को विधिवत उद्घाटन किया गया। उद्घाटन कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य मेरी लकड़ा, संवेदक और स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे। यह शौचालय 5,15,000 रुपये की लागत से जिला परिषद मद के तहत 15वें वित्त आयोग (टाइड) से प्राप्त अनुदान राशि द्वारा निर्मित किया गया है।
अनियमितताएँ सुधारने के बाद शौचालय का हैंडओवर
उद्घाटन से पहले जिला परिषद सदस्य मेरी लकड़ा ने निर्माण स्थल का निरीक्षण किया था, जिसमें कुछ तकनीकी और संरचनात्मक अनियमितताएँ पाई गईं। परिषद द्वारा निर्देशित सुधार कार्यों को संवेदक द्वारा पूरा किए जाने के बाद ही शौचालय का विधिवत उद्घाटन और चाबी का हैंडओवर किया गया। बस स्टैंड जैसा व्यस्त क्षेत्र होने के कारण यहां स्वच्छता सुविधा लंबे समय से आवश्यक मानी जा रही थी।
स्वच्छता और सुरक्षा—दोनों में मिलेगी राहत
उद्घाटन के दौरान जिला परिषद सदस्य मेरी लकड़ा ने कहा कि स्वच्छता स्वस्थ जीवन की आधारशिला है। उन्होंने बताया कि बस स्टैंड क्षेत्र में आधुनिक शौचालय बन जाने से यात्रियों, विशेषकर महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी। यह सुविधा न केवल स्वच्छ भारत अभियान को मजबूत करेगी बल्कि खुले में शौच की मजबूरी को समाप्त कर महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा को भी सुनिश्चित करेगी।
स्थानीय लोगों ने सराहा पहल
स्थानीय ग्रामीणों और प्रतिनिधियों ने शौचालय निर्माण को एक महत्वपूर्ण कदम बताया और प्रशासन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि बस स्टैंड क्षेत्र में प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग आते-जाते हैं, ऐसे में स्वच्छता सुविधा का उपलब्ध होना आवश्यक था।
उद्घाटन समारोह में संवेदक साबिर, जावेद खान, शिवम कुमार, अजित कुमार, सुभाष केशरी, गोपाल झा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
न्यूज़ देखो: स्वच्छता की दिशा में ठोस पहल
चैनपुर बस स्टैंड पर शौचालय का निर्माण ग्रामीण और शहरी जरूरतों के बीच की खाई को कम करने वाला कदम है। जब आधारभूत सुविधाएँ मजबूत होंगी, तभी स्वच्छता अभियान जमीनी स्तर पर प्रभावी होगा।
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स्वच्छता अपनाएँ, जागरूकता बढ़ाएँ
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सार्वजनिक स्थलों पर शौचालयों का नियमित उपयोग और संरक्षण करें।
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