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गढ़वा के रामबांध तालाब की अधूरी सफाई पर भड़के चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष ज्योति प्रकाश

#गढ़वा #नगरपरिषद : दुर्गा पूजा बीतने के बाद भी तालाब में फैली जलकुंभी, नाराज उपाध्यक्ष ने दी चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी

गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र के सोनपुरवा स्थित रामबांध तालाब की सफाई कार्य में हो रही देरी को लेकर स्थानीय व्यापारी वर्ग में नाराजगी बढ़ती जा रही है। चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष ज्योति प्रकाश ने नगर परिषद की इस लापरवाही को “अब असहनीय” बताते हुए कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि हर साल दुर्गा पूजा से पहले तालाब की पूरी सफाई कर ली जाती थी, लेकिन इस बार पूजा बीत जाने के बाद भी तालाब में जलकुंभी का अंबार फैला हुआ है।

नगर परिषद की उदासीनता पर गुस्सा

ज्योति प्रकाश ने कहा कि नगर परिषद की लापरवाही ने शहर की छवि को धूमिल कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से चेताया कि यदि जल्द ही सफाई पूरी नहीं कराई गई, तो वे रविवार को गढ़वा बस स्टैंड के पास एक दिवसीय धरना देंगे। उन्होंने कहा कि तालाब की उपेक्षा को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी नगर परिषद प्रशासन की होगी।

ज्योति प्रकाश ने कहा: “रामबांध तालाब गढ़वा की शान है, इसकी अनदेखी शहर के गौरव के साथ खिलवाड़ है। जनता अब केवल आश्वासन नहीं, ठोस कार्रवाई चाहती है।”

सौंदर्य और स्वच्छता दोनों पर उठे सवाल

उन्होंने बताया कि पहले यह तालाब शहर के सौंदर्य का केंद्र था, लेकिन अब स्थिति बिगड़ चुकी है। नगर परिषद द्वारा हर वर्ष सफाई के नाम पर कागजी कार्यवाही की जाती है, परंतु जमीनी स्तर पर कोई ठोस सुधार नहीं दिखता। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सौंदर्याकरण के नाम पर राशि की बंदरबांट की गई है और वास्तविक कार्य नगण्य रहा है।

ज्योति प्रकाश ने प्रशासन से मांग की कि तालाब की पूर्ण सफाई कराते हुए बोटिंग की सुविधा दोबारा शुरू की जाए, ताकि यह स्थल फिर से नागरिकों के आकर्षण का केंद्र बने। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि परिसर में पर्याप्त लाइटिंग और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि कोई भी व्यक्ति तालाब को गंदा न कर सके।

नागरिकों का बढ़ता समर्थन

गढ़वा शहर के व्यापारी वर्ग और आम नागरिकों के बीच ज्योति प्रकाश की इस पहल को भरपूर समर्थन मिल रहा है। लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक धार्मिक या सौंदर्य का प्रश्न नहीं बल्कि पूरे नगर की गरिमा और पर्यावरणीय संतुलन से जुड़ा हुआ विषय है। स्थानीय नागरिकों ने भी नगर परिषद से तत्काल कार्रवाई की मांग की है ताकि तालाब की स्वच्छता और सुंदरता बहाल हो सके।

ज्योति प्रकाश ने कहा: “नगर परिषद को जनता की भावनाओं को समझना होगा। रामबांध तालाब केवल जलस्रोत नहीं, यह गढ़वा की पहचान है और इसकी अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

न्यूज़ देखो: गढ़वा की गरिमा पर सवाल

रामबांध तालाब की उपेक्षा नगर परिषद की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है। यह मामला केवल एक तालाब का नहीं बल्कि शहरी स्वच्छता, पर्यावरण और जनभावना से जुड़ा हुआ है। प्रशासन को चाहिए कि वह त्वरित कार्रवाई कर न केवल तालाब की सफाई पूरी कराए बल्कि नागरिकों के विश्वास को भी बहाल करे।

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जनहित की आवाज को ताकत दें

गढ़वा की जनता अब जागरूक हो चुकी है और शहर के विकास के लिए एकजुट हो रही है। ऐसे में यह जरूरी है कि हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभाए। आइए, हम सब मिलकर अपने शहर की स्वच्छता और पहचान की रक्षा करें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और प्रशासन तक जनता की आवाज पहुँचाएँ।

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