
#चंदवा #वंदेमातरमउत्सव : ग्रीनफील्ड एकेडमी और कस्तूरबा विद्यालय के छात्रों ने किया सामूहिक राष्ट्रगीत गायन
- वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर इंदिरा गांधी चौक, चंदवा में भव्य उत्सव का आयोजन हुआ।
- ग्रीनफील्ड एकेडमी और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के छात्रों ने सामूहिक गायन किया।
- थाना प्रभारी रणधीर कुमार सिंह के नेतृत्व में कार्यक्रम का सफल संचालन हुआ।
- बच्चों ने अपने प्रदर्शन से देशभक्ति की भावना को जीवंत कर दिया।
- कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक और शिक्षकों की उपस्थिति रही।
शहर के इंदिरा गांधी चौक, चंदवा में शुक्रवार को ‘वंदे मातरम उत्सव’ का आयोजन हुआ। राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर पूरे क्षेत्र में देशभक्ति की लहर दौड़ गई। इस मौके पर ग्रीनफील्ड एकेडमी और कस्तूरबा गांधी आवासीय उच्च विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने पूरे जोश और गर्व के साथ ‘वंदे मातरम’ का सामूहिक गायन किया। राष्ट्रगीत के स्वरों से पूरा चौक गूंज उठा और “भारत माता की जय” के नारों से वातावरण देशभक्ति के रंग में रंग गया।
छात्रों की शानदार प्रस्तुति ने बांधा समां
इस अवसर पर ग्रीनफील्ड एकेडमी के छात्रों का प्रदर्शन विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रहा। उनकी सधी हुई प्रस्तुति और जोश से पूरा माहौल ऊर्जा से भर गया। विद्यालय के शिक्षकों और शिक्षिकाओं ने छात्रों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी अपनी भावनात्मक प्रस्तुति से सबका दिल जीत लिया।
थाना प्रभारी रणधीर कुमार सिंह ने कहा: “‘वंदे मातरम’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का प्रतीक है जिसने स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा भरी थी।”
उन्होंने बताया कि यह गीत वर्ष 1876 में स्व. बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा लिखा गया था और यह आज भी देश की एकता और सम्मान का प्रतीक बना हुआ है।
नागरिकों ने लिया एकता और अखंडता का संकल्प
कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रगीत की गूंज के साथ सभी उपस्थित लोगों ने भारत माता की जय के नारों से आसमान गूंजा दिया। नागरिकों ने देश की एकता, अखंडता और गौरव की रक्षा का संकल्प लिया। इस दौरान रामप्रसाद राम, वीरेंद्र कुमार, श्रवण कुमार, ग्रीनफील्ड एकेडमी के निदेशक अरविंद कुमार सिंह, शिक्षिका सीता कुमारी, ललिता कुमारी, शिक्षक दीपू सिंह, सुबोध कुमार सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।
न्यूज़ देखो: वंदे मातरम की धुन से गूंजा चंदवा, नई पीढ़ी में जागा देशप्रेम
वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर चंदवा में हुआ यह आयोजन सिर्फ एक गीत का उत्सव नहीं, बल्कि देशभक्ति की नई चेतना का प्रतीक बना। छात्रों की सहभागिता और नागरिकों की उपस्थिति ने यह साबित किया कि आज भी राष्ट्रगीत की ध्वनि हर दिल में एक नई ऊर्जा भरती है।
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देशभक्ति के सुरों में बसी है एकता की भावना
वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ हमें यह याद दिलाती है कि हमारी एकता और आज़ादी का आधार हमारी संस्कृति और देशप्रेम है। अब समय है कि हम इस भावना को अपने आचरण में उतारें, समाज में सौहार्द और एकता का संदेश फैलाएं।
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