
#चंदवा #मानवसेवा : दुर्घटना स्थल पर तुरंत पहुंचकर घायलों को बचाने में जुटे कुसुमटोली निवासी राजीव कुमार उरांव।
- चंदवा प्रखंड में सड़क हादसों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
- कुसुमटोली निवासी राजीव कुमार उरांव ने मानवता का परिचय देते हुए कई घायलों की जान बचाई।
- घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य में हर बार सबसे आगे रहते हैं राजीव कुमार।
- स्वास्थ्यकर्मियों के साथ समन्वय कर घायलों को एम्बुलेंस तक पहुंचाते हैं।
- रिम्स, रांची तक मरीजों के रेफर में सहयोग कर रहे हैं, बिना किसी भेदभाव के सेवा।
- स्थानीय लोगों ने कहा – राजीव जैसे युवाओं से ही समाज में मानवता जिंदा है।
चंदवा प्रखंड क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएं आम होती जा रही हैं। ऐसे समय में जब घायल लोग सड़क पर तड़पते हैं और राहगीर आगे बढ़ जाते हैं, तब कुसुमटोली निवासी राजीव कुमार उरांव मानवता की मिसाल बनकर सामने आते हैं। वे न सिर्फ घायल व्यक्तियों को तत्काल सहायता प्रदान करते हैं बल्कि उन्हें सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने तक की पूरी जिम्मेदारी निभाते हैं। इसी कारण उन्हें अब लोग ‘मानवता के सिपाही’ के नाम से पहचानने लगे हैं।
हादसे की सूचना मिलते ही तुरंत पहुंचते हैं राजीव कुमार
राजीव कुमार को जैसे ही किसी सड़क हादसे की खबर मिलती है, वे बिना समय गंवाए घटनास्थल की ओर निकल पड़ते हैं। कई बार उन्होंने देर रात और कठिन परिस्थितियों में भी घायलों की जान बचाने का साहसिक कार्य किया है। वे घायलों को उठाकर एम्बुलेंस तक पहुंचाते हैं और प्राथमिक उपचार सुनिश्चित करते हैं।
उनकी यह तत्परता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चंदवा के चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। वे अक्सर स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य में सक्रिय रहते हैं।
भेदभाव से परे निस्वार्थ सेवा
राजीव कुमार की मानवता की सबसे बड़ी पहचान उनका निष्पक्ष दृष्टिकोण है। वे कभी यह नहीं देखते कि घायल व्यक्ति किस समुदाय, जाति या वर्ग का है। उनके लिए हर इंसान की जान मूल्यवान है। कई बार उन्होंने अपनी निजी जिम्मेदारियों को भी पीछे छोड़कर किसी अजनबी की सहायता की है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, राजीव कुमार ने यह साबित किया है कि इंसानियत अभी भी समाज में जीवित है। उनकी वजह से आज कई परिवार अपने प्रियजनों को वापस पा सके हैं।
समाज में प्रेरणा बन रहे हैं राजीव
राजीव कुमार के कार्यों ने न सिर्फ उन्हें सम्मान दिलाया है, बल्कि युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी पेश किया है। लोग कहते हैं कि अगर हर व्यक्ति अपने आसपास की घटनाओं में थोड़ी सी भी मानवीय संवेदना दिखाए, तो समाज में कोई भी बेसहारा नहीं रहेगा।
कई बार वे स्वयं अपनी गाड़ी से घायलों को अस्पताल तक पहुंचाते हैं और डॉक्टरों से समन्वय कर उनके इलाज की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं। उन्होंने यह दिखाया है कि बिना किसी पद, शक्ति या पहचान के भी समाज की सेवा की जा सकती है।
प्रशासन और समाज दोनों के लिए सीख
राजीव कुमार की निस्वार्थ सेवा यह भी संदेश देती है कि प्रशासनिक तंत्र के साथ आम नागरिकों की भागीदारी कितनी आवश्यक है। सड़क दुर्घटनाओं में अगर प्रारंभिक सहायता समय पर मिल जाए, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। राजीव की यह भूमिका “गोल्डन आवर” की अहमियत को रेखांकित करती है।
स्थानीय निवासी मनोज तिर्की ने कहा: “राजीव भाई को देखकर हम सबको गर्व होता है। उन्होंने यह साबित किया है कि इंसानियत आज भी सबसे बड़ा धर्म है।”
राजीव की सक्रियता और संवेदनशीलता ने चंदवा क्षेत्र को एक नई दिशा दी है, जहां लोग अब केवल दर्शक नहीं, बल्कि मददगार बनने की ओर प्रेरित हो रहे हैं।
न्यूज़ देखो: मानवता की राह दिखाने वाला चेहरा
राजीव कुमार उरांव जैसे युवाओं की पहल बताती है कि सच्ची सेवा वही है जो निस्वार्थ भावना से की जाए। समाज को ऐसे ही नागरिकों की आवश्यकता है जो मुश्किल समय में दूसरों के साथ खड़े हों। प्रशासन को भी ऐसे सेवाभावियों को सम्मानित कर समाज के सामने आदर्श स्थापित करना चाहिए।
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सजग समाज की यही सच्ची पहचान
मानवता का दीप तभी जलता है जब कोई दूसरों की पीड़ा को अपना समझे। राजीव कुमार उरांव ने यह साबित किया है कि हर व्यक्ति बदलाव का वाहक बन सकता है। अब समय है कि हम भी ऐसे उदाहरणों से प्रेरित होकर समाज में सकारात्मकता फैलाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और मदद की भावना को आगे बढ़ाएं – क्योंकि एक कदम आपकी मानवता कई जिंदगियां बचा सकता है।