हाइलाइट्स :
- ईंट भट्ठा संचालक से ₹20,000 रिश्वत मांगने के आरोप में थाना प्रभारी निलंबित
- भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने जांच के बाद सौंपा रिपोर्ट
- तीन दिन के अंदर कार्यमुक्त करने का निर्देश, चतरा से चाईबासा हुआ तबादला
रिश्वतखोरी के आरोप में बड़ी कार्रवाई
झारखंड के चतरा जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। हंटरगंज थाना प्रभारी मनीष कुमार को ₹20,000 की रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मामले की गुप्त जांच कर रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंप दी थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई।
“थाना प्रभारी को अविलंब कार्यमुक्त करने और तीन दिन के भीतर अनुपालन रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है,” – चतरा एसपी विकास पांडेय
डीजीपी के आदेश पर हुई सख्त कार्रवाई
भ्रष्टाचार के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता ने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। कार्मिक विभाग के पुलिस उप महानिरीक्षक ने थाना प्रभारी को चतरा से चाईबासा स्थानांतरित कर दिया है।
ईंट भट्ठा संचालक से जबरन रिश्वत मांगने का आरोप
मीरपुर गांव निवासी रामपूजन कुमार गुप्ता के ईंट भट्ठे पर 2 फरवरी को हंटरगंज थाना प्रभारी पहुंचे और ₹20,000 की रिश्वत मांगी। रामपूजन गुप्ता ने पैसे देने में असमर्थता जताई तो थाना प्रभारी ने धमकी दी कि भट्ठा बंद करा देंगे। साथ ही मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार भी किया।
रामपूजन गुप्ता ने तत्काल इसकी शिकायत डीजीपी अनुराग गुप्ता से कर दी। आवेदन व्हाट्सऐप पर भेजा गया, जिसके बाद डीजीपी ने फोन पर ही मामले का संज्ञान लिया और 5 फरवरी को हजारीबाग ACB टीम को जांच के लिए भेज दिया।
10 और पीड़ितों से बयान लेकर एसीबी ने जुटाए सबूत
हजारीबाग एसीबी की टीम ने गांव पहुंचकर अन्य पीड़ितों के बयान दर्ज किए और मामले की पुष्टि की। जांच के दौरान 10 अन्य पीड़ितों ने भी जबरन वसूली की शिकायत की। इसके बाद ACB ने विस्तृत रिपोर्ट बनाकर रांची मुख्यालय को भेज दी।
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“न्यूज़ देखो” की विशेष रिपोर्ट
झारखंड सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का दावा करती है, लेकिन इस तरह की घटनाएं प्रशासन की सख्ती पर सवाल खड़े कर रही हैं। चतरा में रिश्वतखोरी का यह मामला क्या अन्य भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता खोलेगा?
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