
#गुमला #शैक्षणिक_कार्यक्रम : एमडीएम प्रभारी शान्ता मिंज ने कहा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण मध्याह्न भोजन मिले यही उद्देश्य
- सीसीपतराटोली संकुल, जारी प्रखंड, गुमला में रसोइयों के बीच कुकिंग प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
- प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों की रसोइयों ने भाग लेकर अपनी पाक कला का प्रदर्शन किया।
- एमडीएम प्रभारी शान्ता मिंज ने कहा कि उद्देश्य पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन को बढ़ावा देना है।
- प्रथम स्थान पर रा.उत्क्र.उच्च.वि. सिकरी की सैरूण बीबी और पुन्य देवी,
द्वितीय स्थान पर रा.म.वि. सीसीपतराटोली की पंकज देवी और मोनिका देवी रहीं। - विजेताओं को क्रमशः ₹1000 और ₹500 की राशि व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
गुमला जिला के जारी प्रखंड अन्तर्गत सीसीपतराटोली संकुल में आयोजित कुकिंग प्रतियोगिता में विद्यालयी रसोइयों ने अपनी पाक कला का प्रदर्शन करते हुए पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए। इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य रसोइयों को प्रेरित करना था ताकि वे विद्यालयों में बच्चों के लिए उच्च गुणवत्ता वाला मध्याह्न भोजन (MDM) तैयार कर सकें।
प्रतियोगिता में रसोइयों ने दिखाया हुनर और स्वाद का संगम
प्रतियोगिता में भाग लेने वाली रसोइयों ने पारंपरिक और स्थानीय व्यंजनों के साथ-साथ नवीन स्वादों को भी जोड़ा। किसी ने दाल और हरी सब्जियों से भरपूर व्यंजन तैयार किए तो किसी ने मिलेट और अनाज आधारित स्वास्थ्यवर्धक पकवान बनाए। इन व्यंजनों का मूल्यांकन निर्णायक मंडल ने स्वाद, पौष्टिकता और प्रस्तुति के आधार पर किया।
एमडीएम प्रभारी शान्ता मिंज ने कहा: “इस प्रतियोगिता का उद्देश्य सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि रसोइयों को यह समझाना है कि पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन बच्चों के समुचित विकास के लिए कितना जरूरी है। जब बच्चे अच्छा और स्वास्थ्यकर भोजन खाएंगे, तो उनकी पढ़ाई और सेहत दोनों में सुधार होगा।”
विजेता रसोइयों का सम्मान
प्रतियोगिता में रा.उत्क्र.उच्च.वि. सिकरी की सैरूण बीबी और पुन्य देवी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहीं रा.म.वि. सीसीपतराटोली की पंकज देवी और मोनिका देवी द्वितीय स्थान पर रहीं। विजेता रसोइयों को क्रमशः ₹1000 और ₹500 की प्रोत्साहन राशि उनके खाते में प्रदान की जाएगी। दोनों टीमों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
आयोजन में शामिल रहे कई अधिकारी और प्रतिनिधि
कार्यक्रम के दौरान सीआरपी दिनेश नन्द, सचिव रोसकान्ता मिंज, प्रभुदास तिग्गा, लुईस कुजूर, इग्नासियुस तिर्की, जीवन लकड़ा, रोशन बखला, और अनिमा मिंज समेत क्षेत्र के कई रसोइये उपस्थित थे। सभी ने प्रतिभागियों की सराहना की और इस तरह के आयोजनों को आगे भी जारी रखने की अपील की।
बच्चों के पोषण और शिक्षा पर सकारात्मक असर
मध्याह्न भोजन योजना (MDM) के तहत तैयार होने वाले भोजन की गुणवत्ता बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर सीधा प्रभाव डालती है। इस तरह की प्रतियोगिताएं न केवल रसोइयों को नई प्रेरणा देती हैं, बल्कि विद्यालयों में पोषण स्तर को भी मजबूत करती हैं। स्थानीय स्तर पर आयोजित यह पहल शिक्षा और स्वास्थ्य के संगम का उदाहरण बन गई है।



न्यूज़ देखो: स्वाद और पोषण की दिशा में एक सराहनीय कदम
गुमला का यह आयोजन दिखाता है कि स्थानीय स्तर पर भी नवाचार और समर्पण से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पोषण दोनों को जोड़ा जा सकता है। एमडीएम कार्यक्रम तभी सफल होगा जब हर विद्यालय में भोजन के प्रति जिम्मेदारी और रचनात्मकता का भाव बढ़े।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
पौष्टिक भोजन से मजबूत भविष्य की नींव
यह प्रतियोगिता केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य की दिशा में एक कदम है। जब रसोइए प्रेम और जिम्मेदारी से भोजन तैयार करते हैं, तो वह भोजन बच्चों के विकास का साधन बनता है।
आइए, हम सब मिलकर विद्यालयी पोषण अभियान को मजबूत बनाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और जागरूकता फैलाएं ताकि हर बच्चा स्वस्थ और खुशहाल रह सके।




