
#छतरपुर #महिला_उत्पीड़न : पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत कांड दर्ज कर आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा
- छतरपुर थाना क्षेत्र में महिला के साथ दुष्कर्म का गंभीर मामला सामने आया।
- आरोपी संजय कुमार, क्लिनिक संचालक, को पुलिस ने त्वरित कार्रवाई में गिरफ्तार किया।
- घटना 5 दिसंबर की बताई गई, पीड़िता ने 7 दिसंबर को दर्ज कराई लिखित शिकायत।
- आरोपी ने भाप मशीन का बहाना बनाकर महिला को घर बुलाया और दरवाजा बंद कर दुष्कर्म किया।
- गिरफ्तार करने वाली टीम में सुशील उरांव, इंद्रजीत राणा समेत सशस्त्र बल शामिल रहे।।
छतरपुर थाना क्षेत्र में एक महिला के साथ दुष्कर्म की घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। पीड़िता ने बताया कि वह अपने बच्चे का इलाज कराने अक्सर हुटुकदाग गांव स्थित संजय कुमार के क्लिनिक जाती थी। 5 दिसंबर को भी बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर वह क्लिनिक पहुँची, जहाँ आरोपी ने झांसा देकर उसे घर बुलाया और दरवाजा बंद कर दुष्कर्म किया। 7 दिसंबर को पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर थाना पहुँचकर लिखित आवेदन दिया, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कांड दर्ज कर जांच शुरू की और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामला गंभीर होने के कारण पुलिस पीड़िता को सुरक्षा और न्याय दिलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
घटना का पूरा विवरण
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वह नौडीहा बाजार में अपने ससुराल में रहती है और उसके पति बाहर काम करते हैं। बच्चा बीमार होने पर वह हमेशा की तरह संजय कुमार के क्लिनिक गई। आरोपी ने बच्चे को देखकर कहा कि उसे भाप देना पड़ेगा और मशीन घर में रखी है, इसलिए पीड़िता को बच्चे के साथ उसके घर चलना होगा।
घर पहुँचते ही आरोपी ने दरवाजा बंद कर दिया और महिला के विरोध के बावजूद उसके साथ दुष्कर्म किया। विरोध करने पर आरोपी ने धमकी दी कि अगर उसने घटना बताई तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। भयभीत महिला ने 7 दिसंबर को थाना पहुँचकर आवेदन दिया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
शिकायत मिलते ही छतरपुर थाना में कांड दर्ज किया गया और पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एक विशेष टीम बनाई गई।
गिरफ्तारी दल में पु.अ.नि. सुशील उरांव, पु.अ.नि. इंद्रजीत राणा (अनुसंधानकर्ता) के साथ सशस्त्र बल, छतरपुर थाना शामिल रहे।
आरोपी संजय कुमार, पिता – विश्वनाथ साव, ग्राम – रबदा, पोस्ट – नामुदाग, थाना – नौडीहा बाजार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस ने कहा कि मामला अत्यंत संवेदनशील है और पीड़िता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
इलाके में इस घटना को लेकर आक्रोश है। ग्रामीण कह रहे हैं कि इलाज के नाम पर ऐसी हरकत न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि यह विश्वास का घोर दुरुपयोग है। लोग मांग कर रहे हैं कि ऐसे फर्जी चिकित्सकों पर सख्त कार्रवाई हो और प्रशासन इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए व्यापक अभियान चलाए।
न्यूज़ देखो: त्वरित कार्रवाई ने बढ़ाया भरोसा
यह घटना दिखाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप और अवैध क्लिनिकों की समस्या लगातार बढ़ रही है। छतरपुर पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नियमित जांच और सख्त निगरानी जरूरी है। प्रशासन को स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, लाइसेंसिंग और मॉनिटरिंग पर और ध्यान देना होगा ताकि लोग सुरक्षित रहें।
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सुरक्षा जागरूकता ही समाज की सबसे बड़ी ढाल
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा, फर्जी चिकित्सा केंद्रों की पहचान और समय पर शिकायत करना बेहद आवश्यक है। समाज तभी सुरक्षित बनता है जब हर नागरिक अन्याय के खिलाफ खड़ा हो। बच्चों, महिलाओं व कमजोर वर्गों को निडर होकर अपनी बात कहने का हौसला देना भी हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
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