#गढ़वा #छठ_महापर्व : श्रद्धा और उल्लास के साथ जिले में छठ पर्व की शुरुआत, घाटों पर उमड़ी भारी भीड़
- गढ़वा जिले में छठ महापर्व की विधिवत शुरुआत ‘नहाय-खाय’ से हुई।
- श्रद्धालुओं ने नदी, तालाब और कुओं में स्नान कर पवित्र भोजन ग्रहण किया।
- लौकी-भात और चने की दाल का प्रसाद बनाकर व्रती आगामी उपवास की तैयारी में जुटे।
- बाजारों में पूजा सामग्री की खरीदारी के लिए भारी भीड़ देखी गई, जिससे छठ पर्व की रौनक बनी।
- जिला प्रशासन ने घाटों पर साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए।
- आगामी कार्यक्रम में 26 अक्टूबर को खरना, 27 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य, और 28 अक्टूबर को उषा अर्घ्य अर्पित किया जाएगा।
गढ़वा जिले में लोक आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ की शुरुआत आज उत्साह और श्रद्धा के साथ हुई। पर्व के प्रथम दिन ‘नहाय-खाय’ के अवसर पर श्रद्धालुओं ने प्रातःकाल नदी, तालाब और कुओं में स्नान कर पवित्र भोजन ग्रहण किया। इस विधिवत आरंभ से चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व की तैयारियों का शिलाप्रस्ताव हुआ।
व्रतियों की तैयारी और भक्ति का माहौल
श्रद्धालुओं ने लौकी-भात और चने की दाल का प्रसाद बनाकर ग्रहण किया और आगामी उपवास की तैयारी आरंभ की। घरों और घाटों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया। वातावरण में भक्ति और उल्लास का संतुलित माहौल व्याप्त था। व्रती न केवल अपने परिवार के लिए, बल्कि समाज में आस्था और अनुशासन का संदेश भी प्रस्तुत कर रहे थे।


बाजारों में उत्साह और पूजा सामग्री की चहल-पहल
बाजारों में छठ पर्व की रौनक देखने को मिली। पूजा सामग्री की दुकानों पर सूप-दउरा, टोकरी, नारियल, नया गुड़, अरवा चावल, केले और मौसमी फल खरीदने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। मिठाई दुकानों और फल बाजारों में पूरे दिन चहल-पहल देखी गई। लोगों ने पर्व के लिए आवश्यक सामग्री समय रहते खरीदकर छठ व्रत की तैयारी को सुनिश्चित किया।
प्रशासन की व्यवस्था और सुरक्षा
जिला प्रशासन ने घाटों पर साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए। जिला प्रशासन ने सभी प्रखंड अधिकारियों को निर्देश दिया कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और महापर्व की गरिमा बनी रहे।
जिला प्रशासन के अधिकारी ने कहा: “हमारी प्राथमिकता व्रतियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना है। छठ पर्व में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसके लिए हर संभव कदम उठाया जा रहा है।”
आगामी कार्यक्रम और सहभागिता
छठ महापर्व के अगले चरणों में 26 अक्टूबर को खरना, 27 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य, और 28 अक्टूबर को उषा अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। घाटों पर व्रतियों के साथ आम लोगों की भी भारी भागीदारी देखी गई। पूरे जिले में श्रद्धालुओं का उत्साह और लोक आस्था इस महापर्व की सबसे बड़ी विशेषता बन रही है।
न्यूज़ देखो: गढ़वा में छठ महापर्व ने दिखाया सामूहिक आस्था और अनुशासन का उदाहरण
छठ पर्व में व्रतियों और आम जनता की बढ़ती भागीदारी यह दर्शाती है कि लोक आस्था और सूर्य उपासना की प्राचीन परंपरा आज भी गढ़वा में जीवित है। प्रशासन और स्थानीय समुदाय की सहयोग भावना ने पर्व को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने में मदद की।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
श्रद्धा और सामूहिक सेवा का संदेश
लोक आस्था के महापर्व में भाग लेकर हम न केवल अपनी संस्कृति और परंपरा को जीवित रखते हैं, बल्कि समाज में अनुशासन और सहयोग की भावना भी बढ़ाते हैं। आप भी अपने परिवार और मित्रों के साथ पर्व का उत्साह साझा करें, अपने अनुभव कमेंट में बताएं और इस आस्था को आगे फैलाने में योगदान दें।