गढ़वा स्थित जिला शिक्षा निकेतन हाई स्कूल ने अपने छात्रों के लिए वार्षिक शैक्षणिक भ्रमण की शुरुआत की। स्कूल प्रबंधन ने बताया कि इस बार बच्चों को बिहार के गया जिले समेत अन्य ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का दौरा कराया जाएगा। स्कूल के निदेशक अनिल कुमार ने कहा कि इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण का उद्देश्य छात्रों को कक्षा के पाठ्यक्रम से बाहर की व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करना है। उन्होंने बताया, “भ्रमण बच्चों को इतिहास, संस्कृति और समाज की गहराई से समझने का अवसर देता है। इसे उनके मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए तैयार किया गया है।” इस वर्ष शैक्षणिक भ्रमण के तहत बच्चों को गया के महाबोधि मंदिर, विष्णुपद मंदिर, और बोधगया के ऐतिहासिक स्थल दिखाए जाएंगे। इसके साथ ही, राजगीर, नालंदा और पावापुरी जैसे सांस्कृतिक और शैक्षणिक महत्व के स्थानों का दौरा भी किया जाएगा। भ्रमण की घोषणा के बाद छात्रों और अभिभावकों में उत्साह का माहौल है। 10वीं कक्षा के छात्र छात्राओ ने कहा, “मैं पहली बार इन स्थलों पर जा रहा हूं। मैंने इन स्थानों के बारे में किताबों में पढ़ा है, लेकिन अब उन्हें खुद देखने का मौका मिलेगा।” वहीं, अभिभावक ने स्कूल प्रबंधन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे बच्चों के व्यक्तित्व और ज्ञान में सकारात्मक बदलाव आएंगे।
सुरक्षा और सुविधा पर विशेष ध्यान
स्कूल प्रबंधन ने छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। बस में प्रशिक्षित शिक्षक, गाइड और स्कूल स्टाफ मौजूद रहेंगे। बच्चों के लिए स्वास्थ्य किट, प्राथमिक चिकित्सा, और यात्रा के दौरान पौष्टिक भोजन और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की गई है।
शिक्षकों का योगदान
शैक्षणिक भ्रमण को सफल बनाने में शिक्षकों की अहम भूमिका रही। शिक्षक ने कहा, “इस भ्रमण से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और उन्हें जीवन के बड़े पाठ सीखने को मिलेंगे।” स्कूल प्रबंधन ने यह भी बताया कि आगामी वर्षों में देश के अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर भ्रमण कराने की योजना है। अनिल कुमार ने कहा कि स्कूल का उद्देश्य बच्चों को स्थानीय और राष्ट्रीय धरोहरों से अवगत कराना है। शैक्षणिक भ्रमण न केवल बच्चों के लिए मनोरंजन का जरिया है, बल्कि यह उनके सीखने की प्रक्रिया को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाता है। इस पहल से न केवल बच्चों को उनकी जड़ों से जोड़ा जा रहा है, बल्कि उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में भी प्रेरित किया जा रहा है।