झारखंड में छात्रों के आंदोलन और उस पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज को लेकर राजनीति गरमा गई है। भाजपा विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि न्याय की मांग कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज करना यह दिखाता है कि सरकार किस दिशा में जा रही है।
छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़: चंपई सोरेन
चंपई सोरेन ने कहा कि हेमंत सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही लाठीचार्ज के जरिए अपनी नीतियों का संकेत दे दिया है। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि किसी सरकारी प्रक्रिया, जैसे JSSC-CGL परीक्षा, में गड़बड़ी के आरोप लगते हैं, तो उस पर सीबीआई जांच कराकर स्थिति साफ की जानी चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा, आंदोलन कर रहे छात्रों के साथ खड़ी है और झारखंड की अगली पीढ़ी के भविष्य को बर्बाद करने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भाजपा का सीधा आरोप:
सोरेन ने आरोप लगाया कि सरकार लाठी के दम पर युवाओं के आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है। उन्होंने इस घटना को न केवल दुर्भाग्यपूर्ण बताया बल्कि इसे सरकार की विफलता का संकेत भी करार दिया।
JSSC-CGL गड़बड़ी पर उठे सवाल:
गौरतलब है कि झारखंड में JSSC-CGL परीक्षा में कथित गड़बड़ी को लेकर छात्रों ने आंदोलन शुरू किया था। छात्रों का कहना है कि नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और यह उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
चंपई सोरेन का बयान:
उन्होंने X पर लिखा:
“पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। और इसी तर्ज पर अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही न्याय की माँग कर रहे छात्रों पर लाठी चार्ज कर के सरकार ने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है।”
“हमारा मानना है कि नियुक्ति सहित किसी भी प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों को हल करने के लिए सीबीआई जांच जरूरी है। लेकिन युवाओं के आंदोलन को लाठी के बल पर दबाने की कोशिश दुर्भाग्यपूर्ण है।”
छात्रों के आंदोलन और पुलिस की कार्रवाई के मुद्दे ने झारखंड की राजनीति को गर्म कर दिया है। भाजपा ने इसे लेकर सरकार पर तीखा हमला किया है। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या जांच की प्रक्रिया शुरू होती है।