#INTUC_Vs_CBWU #LabourUnionClash #LohardagaNews : कांग्रेस यूनियन को फर्जी बताने पर भड़के आलोक साहू, बोले- संगठन को नहीं समझते महासचिव
- इंटक यूनियन पर दिए गए बयान को बताया पार्टी विरोधी
- महासचिव पर लगाया मजदूरों को गुमराह करने का आरोप
- ‘सोनिया-राहुल की मौजूदगी वाली यूनियन को फर्जी बताना हास्यास्पद’
- कहा– “लोहरदगा में कांग्रेस विरोधियों को मिल रहा छोटानागपुर यूनियन का समर्थन”
- शिकायत झारखंड कांग्रेस प्रभारी के राजू से करने की बात कही
“इंटक के खिलाफ बयान देकर महासचिव ने कांग्रेस को दी सीधी चुनौती” — आलोक साहू
लोहरदगा। छोटानागपुर बॉक्साइट वर्कर्स यूनियन के महासचिव द्वारा भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) को फर्जी कहने पर लोहरदगा इंटक अध्यक्ष आलोक कुमार साहू ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने महासचिव के बयान को “पार्टी विरोधी” करार दिया और कहा कि “यह बयान कांग्रेस अथॉरिटी को सीधी चुनौती है।”
“1947 में सरदार पटेल ने रखी थी इंटक की नींव”
आलोक साहू ने कहा,
“छोटानागपुर यूनियन के महासचिव को इंटक का इतिहास तक नहीं मालूम। यह संगठन 1947 में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने स्थापित किया था। यह राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय लेवल पर मान्यता प्राप्त है।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि महासचिव का संगठन सिर्फ लोहरदगा तक सीमित है और स्वयं को असली इंटक कहने का कोई वैध प्रमाण नहीं दे सका है।
“महासचिव की बौखलाहट उनकी हताशा दिखाती है”
आलोक साहू ने महासचिव की टिप्पणी पर कटाक्ष करते हुए कहा,
“यह तो वही बात हो गई – खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे। इंटक का गठन लोहरदगा में हुआ, तो उन्हें तकलीफ क्यों हो रही है? दरअसल, उनका संगठन फर्जी है जिसे न्यायालय ने भी नकार दिया है।”
“इंटक वही संगठन है जिसकी बैठक में प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी शामिल हो चुके हैं”
उन्होंने बताया कि 27 मार्च 2025 को झारखंड कांग्रेस प्रभारी के राजू द्वारा रांची विधानसभा में आयोजित संगठन सृजन मंथन कार्यक्रम में इंटक की भागीदारी रही और उसी दिन आलोक साहू को इंटक अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली।
“लोहरदगा में कांग्रेस विरोधियों को मिल रहा बॉक्साइट यूनियन का समर्थन”
साहू ने आरोप लगाया कि कई मजदूर यूनियनें विपक्षी दलों के इशारे पर काम कर रही हैं और उन्हें छोटानागपुर यूनियन का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा,
“इन फर्जी संगठनों से कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश हो रही है। लेकिन हम मजदूरों को संगठित कर पार्टी को मजबूती देंगे।”
न्यूज़ देखो : संगठन में मतभेदों को संवाद से सुलझाएं
न्यूज़ देखो का मानना है कि किसी भी पार्टी या यूनियन के भीतर असहमति स्वाभाविक है, लेकिन जनहित और संगठनात्मक मजबूती के लिए संवाद सबसे अहम है। आपसी टकरावों से संगठन कमजोर होते हैं, और इसका सीधा असर जनता और मजदूरों पर पड़ता है।